Samudrik Shastra : इन अंगों को फड़कने का ये मतलब जानकर खुश हो जाएंगे आप, एक क्लिक में जानें इनका ये रहस्य

Samudrik Shastra : जिस प्रकार हस्तरेखा ज्योतिष शास्त्र में हाथ की लकीरों का अध्ययन कर व्यक्ति के भविष्य को जान लिया जाता है, ठीक उसी प्रकार से मनुष्य के अंगों के फड़कने का भी अलग-अलग महत्व होता है। कुछ अंगों के फड़कने को बहुत शुभ माना जाता है तो कुछ के फड़कने को अशुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं अलग-अलग अंगों के फड़कने का क्या मतलब होता है और उनका क्या अर्थ निकाला जाता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, आंखों के फड़कने को शुभ माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की दाहिनी आंख फड़के तो आने वाले दिनों में शुभ समाचार मिलने के संकेत होते हैं। जबकि महिला की बांयी आंख के फड़कने से आर्थिक लाभ होता है।
अगर व्यक्ति का कंधा फड़कने लगे तो उसके जीवन में भोग-विलास समेत अनेक प्रकार के सुख मिलते हैं।
होठ फड़कने का मतलब है कि आपको कुछ प्रिय वस्तु मिलने वाली है और वहीं जांघ फड़कने का तात्पर्य हैं कि आपको शत्रुओं से कष्ट मिल सकता है।
वहीं अगर किसी व्यक्ति का माथा फड़के तो व्यक्ति को जमीन से जुड़ लाभ मिलते हैं और मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
वहीं बांया बाजू फड़कने से धन लाभ होता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
अगर पैर का तलुआ फड़के तो व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलता है और गले के फड़कने का मतलब आने वाले दिनों में ऐश्वर्य और धन-संपत्ति मिलना बताया गया है।
वहीं विज्ञान के अनुसार, अंगों का फड़कना एक सामान्य घटना है। अंग अगर कभी-कभार फड़के तो कोई दिक्कत नहीं है और वहीं अंग अगर बार-बार फड़के तो ये किसी ना किसी रोग के लक्षण भी हो सकते हैं और आपको समय रहते उसका उपचार करा लेना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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