Samudrik Shastra : नाक पर तिल होने के ये मतलब समझते हैं आप, अगर नहीं तो एक क्लिक में जानिए...

Samudrik Shastra : सामुद्रिक शास्त्र में व्यक्ति के अंगों पर तिल का होना अशुभ और शुभ दोनों प्रकार से माना जाता है। कुछ लोगों के तिल नाक पर होते हैं, तो कुछ लोगों के तिल मुंह पर हो सकते हैं। वहीं कुछ लोगों के तिल गर्दन पर हो सकते हैं और शरीर के किसी भी अंग पर तिल का होना पाया जाता है। विज्ञान के हिसाब से शरीर पर तिल का होना एक सामान्य प्रक्रिया है। मगर समुद्र शास्त्र में तिल का अलग-अलग जगह पर अलग-अलग मतलब बताया गया है। तो आइए जानते हैं नाक पर तिल होने का क्या मतलब होता है।
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समुद्र शास्त्र में लिखा गया है कि, जिस किसी भी व्यक्ति के नाक पर तिल होता है वह प्रतिभा संपन्न और सुखी होता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आती है और वह धन-धान्य से संपन्न होता है। ऐसे व्यक्ति बिरले ही मिलते हैं जिनकी नाक के ऊपर तिल होता है और यदि यही तिल महिलाओं की नाक पर होता है तो उनको सौभाग्यशाली माना जाता है और ऐसी महिलाएं और ऐसी लड़कियां जिस घर में होती हैं, वह घर बहुत ही सौभाग्यशाली होता है।
ऐसा समुद्र शास्त्र में वर्णन मिलता है कि, उनके घर में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं पायी जाती है। यदि किसी भी व्यक्ति की भौंह के ऊपर तिल हो यानि आंख के ऊपर जो बाल होते हैं उनके आसपास या उनके ऊपर तिल हो तो ऐसा जातक अधिकतर यात्रा करता रहता है और यदि भौंह के दाहिनी तरफ तिल हो तो उस जातक का जीवन बहुंत ही सुखमय व्यतीत होता है।
शरीर पर अलग-अलग अंगों पर तिल का अलग -अलग शुभ-अशुभ फल माने गए हैं। महिलाओं के अंगों पर तिल का अलग मतलब होता है, वहीं पुरुषों के अंगों पर तिल होने का कुछ अलग ही मतलब होता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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