Samudrik Shastra : बोलने के तरीके से जानें किसी भी व्यक्ति का स्वभाव

Samudrik Shastra : सामुद्रिक शास्त्र (Samudrik Shastra) के अनुसार मनुष्य के हाव-भाव, उनके शरीर पर स्थित चिन्ह, उनके शरीर के लक्षणों के आधार पर उनके स्वभाव के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है। तो आइए जानते हैं व्यक्ति के बोलने के तरीके से किस प्रकार उसके स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है।
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प्रत्येक मनुष्य के बोलने का तरीका एक-दूसरे से अलग होता है। समुद्र शास्त्र और शारीरिक लक्षण विज्ञान के अंतर्गत मनुष्य के बोलने के तरीके पर गहन अध्ययन और शोध किया गया है। जिसके आधार पर इंसान के स्वभाव के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। तो आइए व्यक्ति के बोलने से ऐसे जाने उसका स्वभाव।
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- जो लोग ऊंचे स्वर में बोलते हैं वो दूसरों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। या वो हठ पूर्वक अपने अधूरे ज्ञान को दूसरों पर थोपना चाहते हैं। ऐसे लोग किसी दूसरे की बात सुनना पसंद नहीं करते हैं।
- समुद्र शास्त्र के अनुसार कुछ लोग इतनी तेजी से बोलते हैं कि किसी को पता भी नहीं चलता कि ये बोल क्या रहे हैं। ऐसे जातकों में ना तो किसी बात को छिपाकर रखने की क्षमता होती है और ना ही उसमें किसी बात को स्पष्ट करने का साहस होता है। ऐसे जातक धोखेबाज हो सकते हैं।
- कुछ लोग जब बोलते हैं तो उनकी वाणी में कर्कशता एवं टूटापन होता है। ऐसे लोग झगड़लू, दुखी और लक्ष्यहीन होते हैं।
- कई लोगों के बोलने का अंदाज शेर की तरह घुरराने के समान होता है। ऐसे लोग संयमी, विद्वान, ज्ञानी, गहन अध्ययन करने वाले, मनन तथा चिंतन करने वाले, गंभीर, सौम्य एवं धैर्यवान और उदार चरित्र के होते हैं।
- धीरे से बोलने वाले लोग अविकसित बुद्धि, अज्ञानी, संकुचित प्रवृति, धूर्त, कामचोर व असफल होते हैं।
- गंभीर एवं संतुलित स्वर में बोलने वाले लोग मानव मस्तिक की ऊच्च प्रवृत्तियों के सूचक होते हैं। ऐसे लोग अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार होते हैं। ये समाज सेवा के कार्यों में जुड़े रहते हैं। ये लोग हर काम को व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं।
- यदि किसी महिला की आवाज सामान्य से अधिक हो तो उसमें अहंकार, अनुशासन, नेतृत्व की क्षमता होती है ये महिलाएं प्रशासनिक विभाग में किसी ऊंचे पद पर काम करती हैं। परिवार पर भी इनका पूरा नियंत्रण रहता है।
- सामान्य से कम स्वर वाली स्त्री में असत्य, निन्दा, भ्रम, कलह, आत्म प्रशंसा आदि दुर्गुण होते हैं।
- हंस, मयूर या कोयल के समान वाणी अगर किसी स्त्री की है तो वह सर्वगुण संपन्न मानी जाती है।
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