Sankashti Chaturthi 2021: अंगारक चतुर्थी पर करें ये काम सुख-समृद्धि के साथ मिलेगी ऋण से मुक्ति, जानें मंत्र और उपाय

Sankashti Chaturthi 2021 : संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाले सभी विघ्नों और संकटों से मुक्ति मिलती है और साथ ही भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं जीवन में चल रही सभी परेशानियों और संकटों को दूर करने और गणेश जी के साथ-साथ चंद्रदेव की कृपा पाने वाले मंत्रों के बारे में...
विघ्नों और मुसीबते दूर करने वाली मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 नवम्बर 2021, दिन मंगलवार को पड़ रही है। वहीं शिव पुराणकी मानें तो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करके और रात्रि के दौरान चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और उनके मंत्रों का जप करें।
मंत्र
ॐ गं गणपते नमः ।
ॐ सोमाय नमः ।
मंगलवारी चतुर्थी
वहीं शास्त्रों की मानें तो मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को अंगार चतुर्थी कहा जाता है। वहीं मान्यता है कि अंगार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है।
अंगार चतुर्थी के दिन क्या करें
- अंगार चतुर्थी के दिन बिना नमक का भोजन करें।
- अंगार चतुर्थी के दिन मंगल देव का मानसिक आह्वान करना पुण्यदायी माना जाता है।
- अंगार चतुर्थी के दिन रात्रि के दौरान चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें।
वहीं ऐसी मान्यता है कि कोई व्यक्ति कितना भी अधिक कर्ज़दार हो, काम धंधे से बेरोजगार हो, इस व्रत को करने से गणेश जी की कृपा से उसे रोज़ी रोटी तो मिलेगी और साथ ही साथ उसे कर्जे से छुटकारा मिलेगा।
ऋण मुक्ति के उपाय और मंत्र
उज्जैन स्थित अवंतिका तीर्थ के पुरोहित पंडित शिवम जोशी ने बताया कि पंचांग के अनुसार 23 नवम्बर 2021 को (सूर्योदय से रात्रि 12:46 तक) चतुर्थी तिथि रहेगी, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 मंऋों का जाप करें और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करने के साथ शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं।
मंगल देव के 21 मंत्र
ॐ मंगलाय नमः
ॐ भूमि पुत्राय नमः
ॐ ऋण हर्त्रे नमः
ॐ धन प्रदाय नमः
ॐ स्थिर आसनाय नमः
ॐ महा कायाय नमः
ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः
ॐ लोहिताय नमः
ॐ लोहिताक्षाय नमः
ॐ साम गानाम कृपा करे नमः
ॐ धरात्मजाय नमः
ॐ भुजाय नमः
ॐ भौमाय नमः
ॐ भुमिजाय नमः
ॐ भूमि नन्दनाय नमः
ॐ अंगारकाय नमः
ॐ यमाय नमः
ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः
ॐ वृष्टि कर्ते नमः
ॐ वृष्टि हराते नमः
ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः
इन 21 मंत्रों से भगवान मंगल देव को नमन करें और फिर उसके बाद आप धरती पर अर्घ्य दें। तथा अर्घ्य देते समय मंत्र का जाप करें।
अर्घ्य मंत्र
भूमि पुत्रो महा तेजा
कुमारो रक्त वस्त्रका
ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम
ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे।।
अर्थात हे भूमि पुत्र! महा तेजस्वी, रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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