संतान प्राप्ति के लिए अचूक उपाय, आप भी जानें

प्रत्येक दंपत्ति को विवाह के उपरांत संतान प्राप्ति की कामना होती है। कुछ लोगों को उनके वैवाहिक जीवन शुरू होने के कुछ समय बाद ही संतान की प्राप्ति हो जाती है। तो कुछ लोगों को यह सौभाग्य प्राप्त होने में थोड़ा समय लग जाता है। और वहीं कुछ लोगों को शादी के बाद संतान की प्राप्ति में कुछ समस्याएं आती हैं।
आजकल तो शादी के एक-दो साल बाद ही लोग डॉक्टरों के पास जाने लग जाते हैं। तथा कुछ लोग शादी के बाद संतान ना होने पर तंत्र मंत्र और कुछ बाबाओं के पास जाने लग जाते हैं। और अपने धन को बर्बाद करने लग जाते हैं। दोष उनका भी नहीं होता, क्योंकि दोस्त, रिश्तेदार आदि भी ऐसे दंपत्तियों को ताने मारने लग जाते हैं कि उनके घर संतान पैदा नहीं हुई। वहीं डॉक्टरों के पास जाना तो आज के समय में अच्छा है, डॉक्टरों से इस विषय में सलाह लेनी चाहिए। और अपना इलाज करना चाहिए। क्योंकि डॉक्टरों के पास जाने से आपको बीमारी का पता चलता है। परन्तु बाबा या तंत्रमंत्र के चक्कर में कभी नहीं पड़ना चाहिए। अगर आपको संभव हो तो किसी अच्छे विद्वान या एस्ट्रोलॉजर से अपनी कुंडली दिखाए। और उनसे सलाह लें। और यदि शादी के कई साल बाद भी आपको संतान नहीं हुई है तो आपको तीर्थस्थानों पर जाना चाहिए। इससे संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर हो जाती है।
वहीं भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली के सभी दोष दूर हो जाते हैं। इसलिए भगवान शिव की विधिवत् पूजा करें। भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें। रूद्राभिषेक करें। भगवान शिव का पंचामृत से या गंगाजल से भी अभिषेक कर सकते हैं। इस उपाय को करने से संतान प्राप्ति में जो भी बाधा आ रही होती है। वह शीघ्र दूर हो जाती है। और मनचाही संतान की प्राप्ति होती है।
अगर आपकी कुंडली में संतान प्राप्ति के योग नहीं बन रहे हैं तो भी आपके लिए एक ऐसा अचूक उपाय है जिसे करना चाहिए। यह उपाय है गोपाल मंत्र। इस मंत्र के जाप से निश्चित ही संतान की प्राप्ति होती है। लेकिन इस उपाय को करते समय आपके मन में सच्ची श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए।
शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। और बच्चे भगवान की ही देन भी होते हैं। बिना भगवान की कृपा के बच्चे नहीं होते। तो इसलिए संतान प्राप्ति के लिए हमें भगवान की ही शरण में जाना चाहिए। ना कि किसी तांत्रिक या बाबा आदि के पास जाना चाहिए। तंत्रमंत्र के चक्कर में तो बिलकुल भी नहीं पड़ना चाहिए।
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