जानिए सरसों के तेल का दीया जलाने का महत्व

भगवान के सामने दीया जलाने का विशेष महत्व है। भगवान के सामने जलाया जाने वाला दीया ना केवल आपके आसपास का अंधेरा हटाता है बल्कि आपकी जिन्दगी में सुख, समृद्धि भी लाता है। दीपक जलाकर हम लोग ईश्वरीय शक्ति, पूजा और प्रकाश से संबंध स्थापित करते हैं। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि आपके द्वारा सही ढंग से किया गया दीपदान कभी भी नि:सफल नहीं होता। और आपके जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार दीपदान को सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। अगर पूजा के दौरान जलाया गया दीपक कई घंटों तक जलता रहे तो ये शुभ माना जाता है। लेकिन इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन भी करना जरुरी होता है।
1. घर में मंदिर का निर्माण हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए।
2. जब भी आप पूजा करते हो तो दीपक की लौ हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहनी चाहिए। इससे धन प्राप्ति और मनोकामना पूर्ण होने के योग बनते हैं।
3. आमतौर पर घी या तेल का दीपक जलाने की परंपरा है। कहा जाता है कि जब आप घी का दीपक जलाते हैं तो इसकी पवित्रता स्वर्ग लोक तक पहुंचने में सक्षम होती है। और बूझने के बाद भी यह दीपक अपनी सात्विक ऊर्जा को कुछ घंटे तक वातावरण में बनाए रखता है।
4. दीपक जलाने के लिए बहुत से लोग घी का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कुछ अवसर ऐसे भी है जिसमें सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। जैसे दिवाली के पर्व पर सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है।
5. तेल शनि से संबंधित पदार्थ है इसलिए सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
6. शनिदेव की कृपा बनाए रखने के लिए और शनि ग्रह को शांत रखने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
7. किसी भी प्रकार की साधना और सिद्धि की प्राप्ति के लिए आटे का दीपक जलाना बहुत ही लाभकारी होता है।
8. सूर्यदेव अग्नितत्व के प्रधान देवता हैं इसलिए शत्रुओं को पराजित करने के लिए सूर्य पूजा में सरसों के तेल का दीया जलाया जाता है।
9. जीवन में सौभाग्य बढ़ाने के लिए शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
10. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
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