दुर्लभ संयोग के साथ सावन आज से शुरू, 20 साल में तीसरी बार बना यह योग

कई दुर्लभ संयोगों के बाद इस वर्ष सावन आज से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। सावन की शुरुआत और अंत दोनों ही सोमवार से हो रहा है। शहर के पंडितों और ज्योतिषाचार्यों की मानें तो यह अपने आप में शुभ संयोग है। इस विशेष संयोग के कारण शिवभक्तों में भी इस बार सावन मास में आराधना के लिए विशेष उत्साह है।
सावन मास 6 जुलाई से शुरू होकर 3 अगस्त तक चलेगा। सावन माह के आखिरी दिन यानी 3 अगस्त को भी अंतिम सावन साेमवार है। इसी दिन रक्षाबंधन भी मनाया जाएगा। सावन में इस बार कोरोना की वजह से कई जगह जलाभिषेक नहीं होगा।
सावन माह के प्रतिपदा तिथि का आरंभ उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग तथा कौलव करण में हो रहा है। इसके प्रभाव से पूरे जुलाई भर वृष्टि योग संतोषप्रद तथा कृषि कार्य के लिए लाभदायक रहेगा। इस कृषि कार्य में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आएगी। वर्षा संतोषप्रद रहेगी। बारिश के कारण किसी प्रकार की हानि अथवा इस तरह की किसी भी प्रकार की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। इस योग में सावन का शुुरू होना शुभ माना जाता है। यह योग अपने साथ संपन्नता लेकर आएगा।
वर्षाें बाद ऐसा
इससे पहले वर्ष 2017 में भी सावन माह में पांच सोमवार का योग बना था। वर्ष 2017 में भी सावन की शुरुआत सोमवार से ही हुई थी और अंत भी सोमवार से ही हुआ था। इससे पहले 2000 में ऐसा दुर्लभ संयोग बना था। 2003 में भी पांच सोमवार थे। इस वर्ष भी सावन की शुरुआत साेमवार से हुई थी, लेकिन अंत मंगलवार को हुआ था। इस तरह से पिछले 20 सालों में यह तीसरी बार है, जब सावन में पांच सोमवार हाेने के साथ शुरुआत और अंत दोनों ही सोमवार को हो रहा है। ज्योतिषाचार्याें के मुताबिक यह एक ज्योतिषीय गणना है। शुरुआत और अंत दोनों ही सोमवार से होने का योग बनता रहा है, लेकिन जब कभी ऐसा योग बनता है तो वह विशेष फलदायी और शुभ होता है।
विशेष फलदायी
सावन में पांच सोमवार का होना अपने आप में शुभफलदायी है। कुछ वर्षाें के अंतराल में ऐसा होता ही है। इस दौरान पूजा-पाठ, विशेष फलदायी होता है।
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