Sawan 2021 : शिवलिंग पर क्यों चढ़ाया जाता है बेलपत्र, जानें इसके बारे में ये विशेष बातें

- भगवान शिव की प्रिय चीजों में बेलपत्र का बहुत अहम स्थान है।
- बेलपत्र के बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है।
Sawan 2021 : भगवान शिव की प्रिय चीजों में बेलपत्र का बहुत अहम स्थान है। बेलपत्र के बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है। वहीं सावन के महीने में तो शिव को बेलपत्र अर्पित किए बिना शिव पूजा का फल भी नहीं मिलता है। तो आइए जानते हैं, क्या है शिव को बेलपत्र प्रिय होने के कारण के बारे में...
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पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब समुद्र से 14 रत्नों में से एक हलाहल विष निकला तो भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए उस हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर लिया। उस विष के प्रभाव से भगवान शिव का कंठ नीला हो गया और उनका पूरा शरीर अत्यधिक गरम हो गया जिसकी वजह से आसपास का वातावरण भी जलने लगा चूंकि बेलपत्र विष के प्रभाव को कम करता है इसलिए सभी देवी देवताओं ने बेलपत्र शिवजी को खिलाना शुरू कर दिया। बेलपत्र के साथ साथ शिव को शीतल रखने के लिए उन पर जल भी अर्पित किया गया। बेलपत्र और जल के प्रभाव से भोलेनाथ के शरीर में उत्पन्न गर्मी शांत होने लगी और तभी से शिवजी पर जल और बेलपत्र चढ़ाने की प्रथा चल पड़ी।
बेलपत्र के बारेमें विशेष बातें
- बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए।
- बेलपत्र की पत्तियां कटी या टूटी और छेद रहित होनी चाहिए।
- भगवान शिव को बेलपत्र चिकने भाग की तरफ से ही अर्पित करें।
- भगवान शिव को एक ही बेलपत्र को जल से धोकर कई बार भी चढ़ा सकते हैं।
- शिवजी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ ही में जल भी जरूर चढ़ाएं। जल के बिना कभी भी बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए।
बेलपत्र के आयुर्वेदिक प्रयोग
बेलपत्र का केवल दैवीय प्रयोग ही नहीं बल्कि यह अनेक प्रकार की औषधियों में भी काम आता है। इसके प्रयोग से आपकी सेहत से जुड़ी तमाम समस्याएं चुटकियों में हल होती हैं।
- बेलपत्र का रस आंख में डालने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
- बेलपत्र का काढ़ा शहद में मिलाकर पीने से खांसी से राहत मिलती है।
- सुबह 11 बेलपत्रों का रस पीने से पुराना सिरदर्द भी ठीक हो जाता है।
- गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाएगा बेलपत्र
- शिव जी का प्रिय बेलपत्र गंभीर बीमारियों से भी आपको छुटकारा दिला सकता है। अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान हैं और हर इलाज नाकाम हो रहा है तो अब आपकी ये बीमारी बेलपत्र के प्रयोग से खुद ब खुद दूर हो जाएगी।
- 108 बेलपत्र लें और एक पात्र में चन्दन का इत्र भी लें, अब एक-एक बेलपत्र चन्दन में डुबाते जाएं और शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं । हर बेलपत्र के साथ 'ॐ हौं जूं सः' का जाप करते रहें । मंत्र जाप के बाद जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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