Savan Maas 2022: सावन माह कब से शुरू हो रहा है, जानें इस मास को क्यों माना जाता है बहुत खास

Savan Maas 2022: सावन माह कब से शुरू हो रहा है, जानें इस मास को क्यों माना जाता है बहुत खास
X
Savan Maas 2022: सनातन धर्म में श्रावण यानि सावन माह का बहुत ही अधिक महत्व है। यह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। हिन्दी पंचांग का यह पांचवां महीना होता है। इस माह में भक्त भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा कर उनका जलाभिषेक करते हैं।

Savan Maas 2022: सनातन धर्म में श्रावण यानि सावन माह का बहुत ही अधिक महत्व है। यह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। हिन्दी पंचांग का यह पांचवां महीना होता है। इस माह में भक्त भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा कर उनका जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि, यदि सावन महीने के सोमवार को पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर व्रत रखा जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

सावन के सोमवार कुंवारी कन्याओं के लिए विवाह के लिहाज से काफी खास माने जाते हैं। कहते हैं कि, सावन में भगवान शिव की उपासना करने से कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस माह में मंगला गौरी व्रत भी किया जाता है। जिनका अपना खास महत्व है। मंगला गौरी व्रत के प्रभाव से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि इच्छापूर्ति के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती है। धार्मिक दृष्टि से सावन का महीना सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं सावन का महीना कब से शुरु हो रहा है।

साल 2022 में सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई, दिन गुरुवार से शुरू हो रहा है। जोकि 12 अगस्त 2022 तक चलेगा। इस वर्ष सावन माह में कुल चार सोमवार पड़ेंगे।

सावन सोमवार और शिवरात्रि व्रत 2022

सावन का पहला सोमवार

18 जुलाई

सावन का दूसरा सोमवार

25 जुलाई

सावन का तीसरा सोमवार

01 अगस्त

सावन का चौथा और अंतिम सोमवार

08 अगस्त

सावन शिवरात्रि व्रत

26 जुलाई, दिन मंगलवार

सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अराधना पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए। इससे आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। वैसे तो सावन का पूरा महीना महादेव की भक्ति के लिए खास होता है। लेकिन इस माह के सोमवार, मंगला गौरी व्रत, सावन शिवरात्रि और सावन पूर्णिमा बहुत ही खास होती है। इस माह भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

आप सावन माह में चाहें घर में पूजा करें अथवा किसी मंदिर में वहां पर स्वच्छता का खास ख्याल रखें। सबसे पहले भगवान शिव की प्रतिमा का दूध, दही, घी, शहद, और फिर गंगाजल मिले जल से अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर भस्म या चंदन से त्रिपुण्ड बनाएं और फिर उनके प्रिय पुष्प बेलपत्र, धतूरा और अन्य प्रिय चीजें उन्हें अर्पित करें। इसके बाद संपूर्ण शिवपरिवार की आरती करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

Tags

Next Story