Pradosh Vrat 2022: सावन मास में सोम प्रदोष व्रत कब है, जानें डेट, टाइम और पूजा विधि

Pradosh Vrat 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। सोमवार को यदि त्रयोदशी व्रत हो तो उसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। सोम प्रदोष व्रत का संबंध चंद्रमा से माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। तो आइए जानते हैं जुलाई 2022 सोम प्रदोष तिथि और पूजा विधि के बारे में...
श्रावण सोम प्रदोष व्रत 2022
सोम प्रदोष व्रत तिथि और वार | सोमवार 25 जुलाई 2022 |
प्रदोष पूजा मुहूर्त | 07:17 PM से 09:21 PM |
अवधि | 02 घंटे 04 मिनट |
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ | 25 जुलाई, दिन सोमवार शाम 04:15 बजे |
त्रयोदशी तिथि समापन | 26 जुलाई, दिन मंगलवार शाम 06:46 बजे |
मान्यता है कि, इस व्रत की कथा को सुनने मात्र से गोदान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। सोम प्रदोष व्रत के दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाना चाहिए। उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। पास के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। अक्षत, धूप-दीप गंगाजल, फूल, मिठाई आदि से विधि पूर्वक पूजा करें।
शिवजी की पूजा के बाद पूरे दिन उपवास रखें। ध्यान करें और शिवजी का मन ही मन स्मरण करें और ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में यानि सूर्यास्त से तीन घड़ी पहले शिवजी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद अन्न-जल ग्रहण करना चाहिए।
शाम के समय प्रदोष काल में महादेव को पंचामृत से स्नान कराकर विधि पूर्वक शिव परिवार की पूजा करें। पूजा में भगवान शिव को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं और माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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