शनि का प्रकोप कम करने में है बेहद खास ये पौधा, जानें इसके उपाय

- शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है।
- शनि की दशा को लेकर काफी परेशान रहते हैं।
धर्मशास्त्रों के अनुसार, शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, ऐसे में शनि के द्वारा कर्म के तहत दंड दिए जाने के चलते ही लोग इसकी दशा को लेकर काफी परेशान रहते हैं। यहां तक कि ज्योतिष में इसे क्रूर ग्रह की संज्ञा दी गई है। वहीं धर्मशास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि जिस किसी व्यक्ति पर शनि प्रसन्न हो जाते हैं, तो शनिदेव उस व्यक्ति को बहुत मजबूत स्थिति में ले जाते हैं, यानि मान्यता के अनुसार वे रंक को राजा की स्थिति में ला देते हैं। ऐसे में हर कोई शनिदेव को प्रसन्न करना चाहता है, ताकि उनकी परेशानियों दूर हो सकें। तो आइए जानते हैं शनि के उपायों के बारे में ...
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इस संबंध में ज्योतिष धर्म शास्त्रों में कई तरह के पौधों का जिक्र मिलता है जो कि ग्रह-नक्षत्रों संबंधित परेशानियां चुटकियों में दूर कर देते हैं। वहीं जब बात शनि देव के प्रकोप से राहत पाने की आती है तब अन्य पूजा के साथ ही पीपल वृक्ष के उपायों की बात की जाती है। लेकिन पीपल को घर में लगाने की मनाही है तो कई बार इसकी पूजा कर पाना संभव नहीं होता।
ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को प्रिय एक अन्य पौधे शमी का जिक्र मिलता है। मान्यता है कि यदि इसे आप अपने घर में लगाकर, इसकी नियमित रूप से पूजन-अर्चना करें, तो शनि प्रकोप से राहत मिलती है।
शमी की लकड़ी को यज्ञ की वेदी के लिए पवित्र माना जाता है। शनिवार को करने वाले यज्ञ में शमी की लकड़ी से बनी वेदी का विशेष महत्व है।
माना जाता है कि शमी के पेड़ की पूजा करने से घर में शनि का प्रकोप कम होता है। यूं तो शास्त्रों में शनि के प्रकोप को कम करने के लिए कई उपाय बताएं गए हैं, लेकिन इन सभी उपायों में से प्रमुख उपाय है शमी के पेड़ की पूजा।
लोग किसी भी काम पर जाने से पहले इसके दर्शन करते और इसे माथे से लगाते हैं, ऐसे करने से उन्हें उस काम में कामयाबी मिलती है। शमी के पेड़ पर कई देवताओं का वास होता है।
इसके बाद नियमित रूप से हर रोज इसकी पूजा करें, यदि पूजा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर-परिवार के सभी सदस्यों पर हमेशा शनि की कृपा बनी रहती है।
किसी भी शनिवार को शमी के पौधे से थोड़ी सी लकड़ी तोड़कर काले धागे में लपेटकर धारण कर लें। साथ ही मन ही मन शनि देव से प्रार्थना करें कि जो भी अपराध या गलतियां जाने-अंजाने में आपसे हुई हैं। उनके लिए क्षमा करें और अपनी कृपा दृष्टि बनाएं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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