Shani Jayanti 2022: शनिदेव की कृपा पाने के लिए धारण करें इस लकड़ी की माला, पहनते ही नजर आएगा फर्क

Shani Jayanti 2022: हिन्दू धर्म में बहुत से पेड़-पौधे ऐसे हैं, जिन्हें पूजनीय स्थान प्राप्त है। कई पेड़ों में देवी-देवताओं का वास माना गया है। मान्यता है कि, इन पेड़ों की नियमानुसार, पूजा-अर्चना करने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। इन्हीं में से एक है नीम का पेड़, नीम के पेड़ को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। वहीं वैदिक ज्योतिष में भी नीम को बहुत परोपकारी और लाभदायक माना गया है। शास्त्रों में उल्लेख है कि, नीम के पेड़ का संबंध शनि और केतु ग्रह होता है। अगर किसी जातक की कुंडली में से कोई भी ग्रह कुपित हो जाए तो आप घर पर नीम का पेड़ लगा सकते हैं और उसकी नियमित पूजा करने से ग्रहदोष से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र का मानना है कि, नीम की लकड़ी से हवन करने से भी शनिदेव की कुदृष्टि और कुप्रभाव कम होते हैं। वहीं अगर नीम के पत्तों को नहाने के पानी में डालकर स्नान किया जाये तो केतु से संबंधित रोग-दोष दूर होते हैं। तो आइए जानते हैं नीम के पेड़ के इन उपायों के बारे में...
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नीम के पेड़ को घर के दक्षिणी भाग या फिर वायव्य कोण में लगाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मान्यता है कि, नीम के पेड़ पर दैवीय शक्तियों का वास होने के बाद अगर नीम का पौधा लगाया जाता है तो पितृों की तृप्ति होती है और कुंडली में पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
शास्त्रों के अनुसार, शनिदोष से राहत पाने के लिए नीम के पेड़ की लकड़ी की माला बनाकर पहनने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है। वहीं शनि का महादशा का दुष्प्रभाव भी कम होता है।
मान्यता है कि, रविवार के दिन नीम के पेड़ में जल देने से आरोग्य के वरदान की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली में अशुभ फल देने वाले ग्रह भी शांत होते हैं। अगर आप अपने घर में नीम का पेड़ लगा रहे हैं तो इसके लिए दक्षिण दिशा का चयन करें। इससे मंगल ग्रह का स्वरुप माना गया है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि, जीवन में एक व्यक्ति एक ही पेड़ लगाएं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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