शनिवार को जो भी सुनेगा यह मंत्र सुनते ही शनिदेव कर देंगे मालामाल

ज्योतिष के अनुसार, कुछ वैदिक मंत्रों की क्षमता अभूतपूर्व है। उन मंत्रों को सुनने मात्र से शनि की ढैय्या, साढ़े साती और शनि दोष पल भर में समाप्त हो जाते हैं और शनिदेव की कृपा प्राप्त हो जाती है। जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है और ढैय्या आदि दशा परेशान कर रही है या फिर जो लोग शनि की पीड़ा से परेशान हैं, जिन्हें अकाल मृत्यु सता रही है, दुर्घटना सता रही है, व्यापार में निरंतर परेशानी हो रही है या फिर ऐसे व्यक्ति जो फिर किसी भी कार्य को करने के लिए जाते हैं, लेकिन वहां सिर्फ उन्हें असफलता ही हासिल होती है। ऐसे लोगों को वैदिक मंत्रों का उच्चारण अवश्य करना चाहिए अथवा इन मंत्रों का श्रवण करना चाहिए। कहा जाता है कि, इन मंत्रों को अगर कुल 10 बार सच्चे मन से सुना जाए तो शनिदेव की साढ़े साती, ढैय्या और सभी शनिदोष समाप्त हो जाते हैं। वहीं शनिदेव की कुदृष्टि कृपा दृष्टि में बदल जाती है और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं शनिदेव के वैदिक मंत्रों के बारे में...
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शनि का बीजमंत्र
ऊँ शं शनिश्चराय नम:
अगर इस बीजमंत्र का 11 बार जाप किया जाए या श्रवण किया जाए तो इससे शनि की साढ़ साती और ढैय्या समाप्त होती है।
शनि संपुट बीजमंत्र
ऊँ प्रां प्रीम प्रौम स: शनैश्चराय नम:
बीजमंत्र के साथ शनि के इस मंत्र का जाप करने से आपके सारे काज सिद्ध होते हैं और विघ्न समाप्त होते हैं।
शनि मंत्र
ऊँ नीलांजन समाभासम्।
रविपुत्रम् यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम्।
तम् नमामि शनैश्चरम्।।
वहीं जो व्यक्ति शनि के इन तीनों मंत्रों का जाप करते हैं, उनके जीवन में शनि की कृपादृष्टि कभी समाप्त नहीं होती है और शनिदेव साक्षात् उस साधक की रक्षा करते हैं। तथा सभी प्रकार की विपत्तियों से उसे बचाते हैं।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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