Shanischari Amavasya 2022: शनिश्चरी अमावस्या पर 100 सालों में भी नहीं बना ये अद्भूत संयोग, जानें साल 2022 के पहले सूर्य ग्रहण की ये खास बातें और शनि के उपाय

Shanischari Amavasya 2022: शनिश्चरी अमावस्या पर 100 सालों में भी नहीं बना ये अद्भूत संयोग, जानें साल 2022 के पहले सूर्य ग्रहण की ये खास बातें और शनि के उपाय
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Shanischari Amavasya 2022: हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत की शुरूआत शनिवार से हुई हैं और अप्रैल 2022 में पांच शनिवार पड़ रहे हैं। वहीं शनिवार के दिन आज 30 अप्रैल का सर्य ग्रहण भी लगा है। यानि आज शनिवार के दिन जो सूर्य ग्रहण लगा है ये शनिवार अप्रैल माह का अंतिम शनिवार और अप्रैल माह का अंतिम दिन है। वहीं आज के दिन अमावस्या तिथि भी है। ऐसे में हिन्दू पंचांग के अनुसार, जब अमावस्या शनिवार के दिन होती है, तो उस अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं।

Shanischari Amavasya 2022: हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत की शुरूआत शनिवार से हुई हैं और अप्रैल 2022 में पांच शनिवार पड़ रहे हैं। वहीं शनिवार के दिन आज 30 अप्रैल का सर्य ग्रहण भी लगा है। यानि आज शनिवार के दिन जो सूर्य ग्रहण लगा है ये शनिवार अप्रैल माह का अंतिम शनिवार और अप्रैल माह का अंतिम दिन है। वहीं आज के दिन अमावस्या तिथि भी है। ऐसे में हिन्दू पंचांग के अनुसार, जब अमावस्या शनिवार के दिन होती है, तो उस अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। अर्थात साल 2022 और हिन्दू नववर्ष का पहला सूर्य ग्रहण इसी शनिश्चरी अमावस्या को लगा है। हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2079 के राजा शनिदेव हैं, वहीं लग्न के ठीक एक दिन पहले शनिग्रह अपनी राशि कुंभ में प्रवेश कर गए हैं। इस दिन शनि मकर से स्वयं राशि कुंभ में प्रवेश कर गए हैं। शनि का ये दुलर्भ संयोग हर मायने में बहुत खास है।

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, शनि ग्रह की राशि परिवर्तन के बाद आज शनिश्चरी अमावस्या के साथ अप्रैल 2022 का माह समाप्त हो जाएगा और संयोगवश इस दिन आंशिक सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक, पिता-पुत्र यानि सूर्य पर शनि का एक ऐसा अद्भत संयोग पिछले 100 सालों में नहीं बना है। आज के दिन शनि के प्रभाव से बचने के लिए आपको कुछ उपाय करने चाहिए।

शनि के उपाय

पीपल के पेड़ पर शनिदेव का वास होता है। इसीलिए आज के दिन अपने पितृों के नाम से दूध मिश्रित जल पीपल की जड़ में अर्पित कर दें। इससे आपको पितृों की कृपा और शनि महाराज का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन ढाई सौ ग्राम या 750 ग्राम काले उड़द की दाल किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान करें। इसके बाद इतनी ही मात्रा में उड़द की दाल की खिचड़ी बनाएं और उसका दान करे। तथा इसका प्रसाद स्वयं भी ग्रहण करें।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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