Shardiya Navratri 2020 Date: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा, मिलेगा सुख और सौभाग्य का वरदान

Shardiya Navratri 2020 Date: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा, मिलेगा सुख और सौभाग्य का वरदान
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Shardiya Navratri 2020 Date: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। क्योंकि इनकी सवारी बैल है। नवरात्रि (Navratri) के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा मां दुर्गा (Goddess Durga) के प्रथम रूप में की जाती है। लेकिन आपको इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधिवत ही करनी चाहिए तब ही आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सकेगा तो चलिए जानते हैं मां शैलपुत्री की पूजा विधि।

Shardiya Navratri 2020 Date: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है। लेकिन यदि आप मां शैलपुत्री की पूजा (Goddess Shailputri Puja) पूरे विधि विधान से नहीं करते तो आपको मां शैलपुत्री की कृपा प्राप्त नहीं हो पाएगी और यदि आप मां शैलपुत्री की पूजा विधि के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो आइए जानते हैं मां शैलपुत्री की संपूर्ण पूजा विधि।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि (Goddess Shailputri Puja Vidhi)

1. नवरात्रि के प्रथम दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करनी चाहिए और स्नान के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं।

3.कपड़ा बिछाने के बाद सर्वप्रथम कलश की स्थापना करें। कलश स्थापना करने से पहले उस पर स्वास्तिक बनाएं और उसमें गंगाजल, सुपारी और सिक्के अवश्य डालें।

4. इसके बाद कलश के ऊपर पान के पत्ते रखें और एक नारियल में मौली बांधकर उस चुन्नी से लपेट कर कलश के ऊपर स्थापित करें।

5. कलश स्थापित करने के बाद मां शैलपुत्री की मूर्ति या तस्वीर चौकी पर स्थापित करें। इसके बाद मां शैलपुत्री का रोली से तिलक करें उन्हें चमेली के फूलों की माला पहनाएं , चमेली के ही फूल,सफेद वस्त्र,फल और नैवेद्य अर्पित करें।

6.इसके बाद घी का दीपक जलाएं और ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम: मंत्र का जाप करते हुए मां के चरणों में सफेद रंग के फूल छोड़ दें।

7.मंत्र जाप के बाद सभी दिशाओं, नदीयों और तीर्थों का आह्वाहन करें और मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा करें।

8.इसके बाद मां शैलपुत्री की कथा सुनें या पढ़ें।

9. इसके बाद मां शैलपुत्री की कपूर से आरती उतारें और उन्हें सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

10.माता को मिठाई का भोग लगाने के बाद उनसे पूजा में हुई किसी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और उस मिठाई को प्रसाद स्वरूप सब में बांट दें और स्वंय भी ग्रहण करें।

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