Shardiya Navratri 2020 Kab Se Hai : जानिए शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का महत्व

Shardiya Navratri 2020 Kab Se Hai : शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर 2020 (Shardiya Navratri 17 October 2020) से प्रारंभ हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां के छठे स्वरूप को मां कात्यायनी (Goddess Katyayani) के नाम से जाना जाता है। जिनकी पूजा से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं तो चलिए जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा का महत्व।
मां कात्यायनी की पूजा का महत्व (Maa Katyayani Ki Puja Ka Mahatva)
पुराणों के अनुसार मां कात्यायनी का जन्म महार्षि कात्यायन के यहां पर हुआ था। इसी कारण से मां दुर्गा के इस स्वरूप को देवी कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। यदि मां के इस स्वरूप की बात करें तो यह अत्याधिक कांतिवान है।मां का शरीर आभूषणों से सुशोभित है। माता कात्यायनी की चार भुजाएं हैं। जिनमें से उनके एक हाथ में कमल का पुष्प दूसरे हाथ में तलवार है और मां के दो अन्य हाथ आशीर्वाद मुद्रा में है।
मां कात्यायनी सिंह पर सवार हैं और उनका सिंह गर्जती मुद्रा में है। मां दुर्गा के इस छठे रूप की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। इस दिन मां की पूजा करने से कुंवारी कन्याों के विवाह में आ रही सभी तरह की परेशानियां समाप्त हो जाती है और उसे एक अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। माना तो यह भी जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा द्वापर युग में गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए की थी।
मां कात्यायनी को गुरु ग्रह की आधिपत्य देवी माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह खराब हो या फिर उन्हें गुरु ग्रह के अशुभ फल प्राप्त हो रहे हों उन लोगों को देवी कात्यायनी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए।मां कात्यायनी की पूजा के आज्ञा चक्र जाग्रित होता है। जिससे जातक को सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति स्वत: ही हो जाती है। इतना ही नहीं देवी कात्यायनी की पूजा से सभी तरह के शोक, संताप और भय आदि नष्ट हो जाते हैं।
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