Shardiya Navratri 2021: दुर्गा सप्तशती के पाठ का ये महत्व जानकर आप प्रतिदिन करने लग जाएंगे मातारानी का गुणगान, जानें इसकी ये महत्वपूर्ण बात

Shardiya Navratri 2021: दुर्गा सप्तशती के पाठ का ये महत्व जानकर आप प्रतिदिन करने लग जाएंगे मातारानी का गुणगान, जानें इसकी ये महत्वपूर्ण बात
X
Shardiya Navratri 2021: मां दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है। भुवनेश्वरी संहिता में वर्णित है कि, जिस प्रकार से ''वेद'' अनादि है, उसी प्रकार ''सप्तशती'' भी अनादि है। दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों में देवी मां के चरित्र का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं। वहीं दुर्गा सप्तशती के सभी तेरह अध्याय अलग -अलग इच्छित मनोकामना की सहर्ष ही पूर्ति करते हैं। तो आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के सभी अध्यायों का महत्व...

Shardiya Navratri 2021: मां दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है। भुवनेश्वरी संहिता में वर्णित है कि, जिस प्रकार से ''वेद'' अनादि है, उसी प्रकार ''सप्तशती'' भी अनादि है। दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों में देवी मां के चरित्र का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं। वहीं दुर्गा सप्तशती के सभी तेरह अध्याय अलग -अलग इच्छित मनोकामना की सहर्ष ही पूर्ति करते हैं। तो आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के सभी अध्यायों का महत्व...

ये भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2021: भजन: तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है...

प्रथम अध्याय का महत्व

प्रथम अघ्याय का पाठ करने से मनुष्य की सभी प्रकार की चिंता दूर होती है एवं शक्तिशाली से शक्तिशाली शत्रु का भी भय दूर होता है शत्रुओं का नाश होता है।

द्वितीय अध्याय का महत्व

दितीय अध्याय का पाठ करने से बलवान शत्रु द्वारा घर एवं भूमि पर अधिकार करने एवं किसी भी प्रकार के वाद विवाद आदि में आपको विजय प्राप्त होती है।

तृतीय अध्याय का महत्व

तृतीय अध्याय के पाठ से युद्ध एवं मुक़दमे में विजय, शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।

चतुर्थ अध्याय का महत्व

इस अध्याय के पाठ से धन, सुन्दर जीवन साथी एवं मां की भक्ति की प्राप्ति होती है।

पंचम अध्याय का महत्व

पंचम अध्याय के पाठ से भक्ति मिलती है, भय, बुरे स्वप्नों और भूत प्रेत बाधाओं का निराकरण होता है।

छठे अध्याय का महत्व

इस अध्याय के पाठ से समस्त बाधाएं दूर होती है और समस्त मनवांछित फलो की प्राप्ति होती है।

सातवें अध्याय का महत्व

इस अध्याय के पाठ से ह्रदय की समस्त कामना अथवा किसी विशेष गुप्त कामना की पूर्ति होती है।

आठवें अध्याय का महत्व

अष्टम अध्याय के पाठ से धन लाभ के साथ वशीकरण प्रबल होता है।

नौवां अध्याय का महत्व

नवम अध्याय के पाठ से खोये हुए की तलाश में सफलता मिलती है, संपत्ति एवं धन का लाभ भी प्राप्त होता है।

दसवें अध्याय का महत्व

इस अध्याय के पाठ से गुमशुदा की तलाश होती है, शक्ति और संतान का सुख भी प्राप्त होता है।

ग्यारहवें अध्याय का महत्व

ग्यारहवें अध्याय के पाठ से किसी भी प्रकार की चिंता से मुक्ति , व्यापार में सफलता एवं सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

बारहवें अध्याय का महत्व

इस अध्याय के पाठ से रोगो से छुटकारा, निर्भयता की प्राप्ति होती है एवं समाज में मान-सम्मान मिलता है।

तेरहवें अध्याय का महत्व

तेरहवें अध्याय के पाठ से माता की भक्ति एवं सभी इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति होती है।

मनुष्य की इच्छाएं अनंत है और इन्ही की पूर्ति के लिए दुर्गा सप्तशती से सुगम और कोई भी मार्ग नहीं है । इसीलिए नवरात्र में विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्यायों का पाठ करने का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

Tags

Next Story