Shattila Ekadashi 2022: षट्तिला एकादशी पर तिल का इन 6 कामों में करें उपयोग, होंगे ये फायदे

Shattila Ekadashi 2022: आज षट्तिला एकादशी व्रत का पावन दिन है। आज के दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा-आराधना और व्रत-उपवास करने का विधान है। वहीं शास्त्रों में आज के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है और आज के दिन तिल के उपयोग करने का शास्त्रों में विधान बताया गया है। तो आइए जानते हैं षट्तिला एकादशी के दिन आज क्या काम नहीं करना चाहिए और तिल का किस प्रकार उपयोग करना चाहिए।
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षट्तिला एकादशी पर करें ये काम
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने । आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।
षट्तिला एकादशी ना करें ये काम
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है। जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
पाप नाशनी एकादशी
षट्तिला एकादशी पर आज शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें । इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन तिल का उपयोग 6 कामों में करने का विधान है।
तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।
तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।
अर्थात- इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है।
तिल का इन 6 कामों में करें उपयोग, होंगे ये फायदे
तिल मिले जल से स्नान
ठंड के मौसम में त्वचा रुखी हो जाती है। तिल मिले पानी से स्नान करने से त्वचा चमकदार व कोमल हो जाती है।
तिल का उबटन
तिल का उबटन लगाने से त्वचा संबंधी रोग अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं।
तिल मिला जल पीना
तिल मिला पानी पीने से पाचन तंत्र व्यवस्थित होता है। अनिद्रा में भी राहत मिलती है।
तिल का भोजन
ठंड के मौसम में तिल से बनी चीजें खाने से शरीर को पर्याप्त गर्मी व ऊर्जा मिलती है।
तिल का दान
तिल का दान करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं।
तिल का हवन
तिल का हवन करने पर वायुमंडल सुगंधित होता हैं।
सूर्यास्त के बाद कोई भी तिलयुक्त पदार्थ नहीं खाना चाहिए। षट्तिला एकादशी के दिन स्नान, उबटन जिसमें जौ और तिल पड़ा हो, जौ डाला हुआ पानी पीना, तिल डाला हुआ पानी लेना, तिल मिश्रित भोजन करना, तिल का दान करना, तिल का होम करना ये पापनाशक प्रयोग है।
(Disc।aimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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