आखिरकार कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति, क्या है इसकी पौराणिक कथा, पढ़ें पूरी कहानी

आखिरकार कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति, क्या है इसकी पौराणिक कथा, पढ़ें पूरी कहानी
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इस खबर में शिवलिंग से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाओं के बारे में जानेंगे। आखिरकार शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई और भी अन्य चीजों के बारे में जानेंगे।

Shivling worship Niyam: हिंदू धर्म में शिवलिंग को भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में सोमवार के दिन शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि जो जातक शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा अर्चना करता है, उसकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है आखिर शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई। अगर नहीं, तो आज इस खबर में शिवलिंग से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाओं के बारे में बताएंगे। तो आइये जानते हैं शिवलिंग का अर्थ क्या होता है और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई है।

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जानें शिवलिंग का शाब्दिक अर्थ

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग दो शब्दों से मिलकर बना है। शिव जिसका अर्थ होता है परम कल्याणकारी और दूसरे लिंग जिसका अर्थ होता है सृजन। अगर संस्कृत भाषा में लिंग की बात करें, तो इसका प्रयोग चिन्ह या प्रतीक के रूप में होता है। यानी दूसरे शब्दों में कहा जाए की शिवलिंग की अर्थ शिव का प्रतीक होता है।

शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब सृष्टि की रचना हुई, उसके बाद भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी में युद्ध होने लगा। युद्ध इस बात पर हो रहा थी कि दोनों में सबसे सर्वश्रेष्ठ कौन है। इन दोनों का युद्ध देखकर भगवान शिव ने आकाश में एक चमकीला पत्थर प्रकट किया। पत्थर प्रकट होने के बाद आकाशवाणी हुई कि दोनों में से जो भी इस पत्थर का अंत ढूंढ लेगा, वह शक्तिशाली माना जाएगा। भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी ने पत्थर का अंत ढूंढने में लग गए, लेकिन उस पत्थर का अंत नहीं मिला। अंत में भगवान विष्णु ने हार मान ली और कहा की मैं इस पत्थर का अंत नहीं ढूंढ पाउंगा। इधर ब्रह्मा जी ने सोचा अगर मैं भी हार मान लेता हुं, तो भगवान विष्णु मेरे से अधिक शक्तिशाली कहलाएंगे। तब उन्होंने झूठ बोलते हुए कहा कि उनको पत्थर का अंत मिल गया है। तब एक बार फिर आकाशवाणी हुई और उस आकाशवाणी में कहा गया कि मै शिवलिंग हूं मेरा कोई अंत नहीं है और ना ही कोई शुरुआत। इस बात को खत्म होने के बाद भगवान शिव प्रकट हुए। तब से कहा जाता है कि शिवलिंग की उत्पत्ति उसी समय से हुई है।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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