Somvati Amavasya 2021 : सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय, अखंड सौभाग्य, धन लाभ के साथ सभी इच्छा होंगी पूरी

Somvati Amavasya 2021 : सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय, अखंड सौभाग्य, धन लाभ के साथ सभी इच्छा होंगी पूरी
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  • सोमवती अमावस्या सभी अमावस्या तिथियों में बेहद खास होती है।
  • 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का साल का पहला और आखिरी दुर्लभ संयोग बन रहा है।
  • अमावस्या के दिन पितृों का तपर्ण करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Somvati Amavasya 2021 : मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या सभी अमावस्या तिथियों में बेहद खास होती है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या ही सोमवती अमावस्या कहलाती है। इस बार साल 2021 में 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का साल का पहला और आखिरी दुर्लभ संयोग बन रहा है। 2021 में पड़ने वाली यह पहली और अंतिम सोमवती अमावस्या होगी। इस विशेष तिथि को पितृों का तपर्ण कर विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व होता है। इसके अलावा यदि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव, पीपल वृक्ष और माता लक्ष्मी की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस पावन दिन पर माता लक्ष्मी की पूजा करना भी बहुत शुभ होता है।

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चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त

चैत्र सोमवती अमावस्या तिथि

12 अप्रैल 2021, दिन सोमवार

चैत्र सोमवती अमावस्या प्रारंभ

11 अप्रैल प्रात:काल 06 बजकर 03 मिनट से

चैत्र सोमवती अमावस्या समाप्त

12 अप्रैल प्रात:काल 08 बजे

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सोमवती अमावस्या के उपाय

साल के प्रत्येक महीने में एक अमावस्या पड़ती है। परन्तु ऐसा संयोग बहुत ही कम होता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या होती है। कहते हैं कि इस दुर्लभ संयोग में यदि कोई उपाय किया जाए तो व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति हो जाती है।

  1. सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी जी को जल अर्पण करने के बाद 108 बार परिक्रमा करने से घर से दुख-दरिद्रता कोसों दूर चली जाती है।
  2. सोमवती अमावस्या पर शाम के समय तुलसी के पास घी का एक दीपक जलाने से आपको अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर पीपल की जड़ में मीठे जल का अर्घ्य दें, इससे करियर में बड़ी सफलता की प्राप्ति होती है और आपके धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  3. पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास माना गया है। इस दिन सुहागिन महिलाओं को स्नान के बाद पीपल के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करते हुए पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए। इससे उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है और साथ ही अविवाहितों द्वारा इस उपाय को करने से विवाह के योग भी मजबूत होते हैं।
  4. सोमवती अमावस्या के इस संयोग में शिव पूजा के समय 21 बिल्वपत्रों पर ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करने से भी अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  5. सोमवती अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में घी का एक दीपक जलाएं, जिसकी बाती लाल कलावे की होनी चाहिए तो इससे घर में मां लक्ष्मी का वास होने के साथ ही आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।
  6. वहीं अवंतिका तीर्थ पुरोहित पंडित शिवम जोशी के बताया कि, सोमवती अमावस्या के दिन उज्जैन के सोम तीर्थ में स्नान करने और क्षिप्रा के किनारे तर्पण श्राद्ध करने वाले श्रद्धालुओं को विशेष फल मिलता है। उज्जैन ही ऐसा शहर है, जो तीर्थस्थल कहा जाता है तथा यहीं सोमतीर्थ कुंड विद्यमान है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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