Somvati Amavasya :31 जनवरी को मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या, इस दिन शिवजी का ऐसे करें अभिषेक जानें संपूर्ण पूजाविधि

Somvati Amavasya :31 जनवरी को मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या, इस दिन शिवजी का ऐसे करें अभिषेक जानें संपूर्ण पूजाविधि
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Somvati Amavasya: सोमवार को लगने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व बताया गया है। सोमवती अमावस्या इस बार 31 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं संतान और जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। व्रत में महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं।

Somvati Amavasya: सोमवार को लगने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व बताया गया है। सोमवती अमावस्या इस बार 31 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं संतान और जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। व्रत में महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि पीपल के वृक्ष के मूल भाग में भगवान विष्णु, अग्रभाग में ब्रह्मा और तने में भगवान शिव का वास होता है, इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस अमावस्या के दिन व्रत पूजन और पितरों को जल तिल देने से बहुत ही पुण्य की प्राप्ति होती है। सुहागिनों के लिए तो इस व्रत का खास ही महत्व है। कहते हैं कि इस दिन व्रत करने और शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। दांपत्य जीवन में स्नेह और सद्भाव बढ़ाने के लिए भी सुहागिनों को सोमवती अमावस्या का व्रत पूजा करना चाहिए।

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विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सोमवती अमावस्या पर चतुर्दशी यानी मास शिवरात्रि का संयोग भी कुछ समय के लिए बना हुआ है। इस दिन 10 बजकर 25 मिनट से सिद्धि योग भी लग जाएगी। ऐसे में इस दिन सुबह पैरों के नीचे आक के पत्ते सिर और माथे पर रखकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए स्नान कीजिए।

शिवालय जाकर जल में दूध मिलाकर शिवजी का अभिषेक कीजिए। बेलपत्र और धतूरे को शिवजी को अर्पित करें। अगर शिवालय न जा पाएं तो घर पर ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर इनका अभिषेक कीजिए। जो लोग घर में पारद शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं वह इस शुभ संयोग का लाभ उठा सकते हैं। घर पर पारद शिवलिंग की पूजा करना भी उत्तम रहेगा।

सोमवती अमावस्या के दिन अन्न का दान भी करना चाहिए। आप अपनी श्रद्धा अनुसार चावल दालए नमक तिल का दान कर सकते हैं। जिनके माता या पिता देह त्याग कर परलोक चले गए हैं उन्हें सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करते हुए जल में तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर तिल जल अर्पित करना चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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