जानिए ऐसी महिला कभी मां नहीं बन सकती

कोई भी विवाह तभी संपूर्ण माना जाता है जब वो दंपति किसी स्वस्थ संतान को जन्म दें। ऐसे में एक सफल विवाह का पैमाना एक उत्तम संतान की प्राप्ति माना जाता है। ऐसे में संतान का ना होना समाज में कई बुरे विचारों को उत्पन्न करता है। एक सुखी जीवन को जीने के लिए संतान का होना उतना ही आवश्यक है जितना जीने के लिए जल आवश्यक होता है। पति-पत्नी के बीच संतान के ना होने से सबसे बुरे दौर से एक औरत ही गुजरती है। साथ ही साथ उसके पति को भी अच्छा नहीं लगता है। ऐसे में समाज ऐसे लोगों को बुरी नजरों से देखता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आप संतान से वंचित क्यों हैं।
1. पशुओं के बच्चों पर अत्याचार
ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खासतौर से ऐसी महिला कभी मां नहीं बनती है जो पशुओं के नवजात पर अत्याचार करती हो। गरूड़ पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जिस स्त्री के अगर संतान नहीं होती है तो उसने अपने पीछे जन्म में बहुत पाप किए होंगे। अर्थात किसी पशु के बच्चे या मनुष्य के बच्चे पर अत्याचार किए होंगे। और इसी कारण से स्त्री को संतान से वंचित होना पड़ता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति बच्चों को पीड़ा पहुंचाता है, और पशुओं के छोटे-छोटे बच्चों पर जल्म करता है। तो वह हमेशा संतान से वंचित रह जाता है।
2. नवजात का मांस खाना
जो स्त्री अथवा पुरूष किसी पशु के नवजात बच्चे का मांस खाता है, तो उसे अगले जन्म में संतान से वंचित होना पड़ता है। नवजात पशु पर जुल्म करना चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को उसी क्षण पाप लग जाता है। इसलिए ऐसी गलती कभी ना करें। अन्यथा पुरूष और महिला दोनों को बांझपन का सामना करना पड़ता है।
3. बुरे कर्म
शास्त्रों के अनुसार जब पति किसी पशु अथवा जानवर के नवजात बच्चे को हानि पहुंचाता है तो ऐसे में दंपति को संतान सुख की प्राप्ति तो हो जाती है लेकिन उस पुरूष की मृत्यु जल्दी हो जाती है। जिसके कारण उसे संतान का सुख नहीं मिल पाता है। वहीं महिला के लिए भी शास्त्रों में प्रावधान है कि जब पति और पत्नी में पति के कर्म अच्छे हों तो ऐसे में शास्त्र कहता है कि जब कोई महिला अपने पिछले जन्म अथवा वर्तमान में किसी नवजात बच्चे को कष्ट पहुंचाती है तो उसे भी संतान से वंचित होना पड़ता है। ऐसे में या तो उसकी मृत्यु हो जाती है अथवा उसे बांझपन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दोनों में से किसी एक को संसार को छोड़ना ही पड़ता है। जोकि गरुड़ पुराण में बताया गया है।
4. संतान प्राप्ति के उपाय
शास्त्रों के अनुसार जितना पूजा-पाठ करके फल नहीं मिलता है, उतना कर्म करके फल की प्राप्ति हो सकती है। शास्त्रों के अनुसार संतान की प्राप्ति के लिए पुरूष और महिला दोनों को ही किसी पशु के नवजात बच्चे को दूध, भोजन आदि खिलाना चाहिए। और छोटे-छोटे बच्चों से प्रेम करना चाहिए। बच्चों को भोजन खिलाने से और प्यार करने से संतान की प्राप्ति होती है। ऐसे में पति और पत्नी को लड़का और लड़की में किसी भी प्रकार का फर्क नहीं समझना चाहिए। ईश्वर जो संतान आपको देगें उसी में आपको खुश रहना चाहिए। ईश्वर की बनाई प्रत्येक वस्तुओं को आप सम्मान दें। इसी में आपका कल्याण छिपा होता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS