Sunday Special: भद्राकाल के बारे में आप ने नहीं सुनी होगी ये बात, जानें इसके अन्य नाम और किन तिथियों में ये काल आपको दे सकता है शुभ फल

Sunday Special: पंचांग के अनुसार भद्रा का नाम सुनकर ही लोग डर जाते हैं और भद्रा के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करते है। वहीं भद्रा काल के दौरान अधिकतर लोग अपनी शुभ यात्रा भी स्थगित कर देते हैं। क्योंकि लोगों का मानना है कि भद्रा के दौरान संकट, परेशानियां और यात्रा के दौरान दुर्घटना होने का भय अधिक रहता है। इसीलिए लोग भद्रा काल के दौरान किसी भी शुभ कार्य और यात्रा को नहीं करते, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भद्रा काल सभी दिन और परिस्थितियों में अशुभ नहीं होता है, बल्कि भद्रा काल आपके लिए शुभ भी हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि भद्रा के अन्य नाम क्या हैं और वह किन तिथियों में शुभ और अशुभ माना जाता है।
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भद्रा के शरीर के विभिन्न अंग के वास स्थान के अनुसार भी शुभ-अशुभ कार्य को बांटा गया है। ज्योतिष विद्या के अनुसार, जब भद्रा का मुख, कंठ और हृदय धरती पर होता है तब कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। शनि की तरह ही इनका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है। भद्रा के इस उग्र स्वभाव को नियंत्रित करनेके निए ही भगवान ब्रह्मदेव ने उसे कालगणना पंचाग के एक प्रमुख अंग जिसे करण कहते है उसमें भद्रा को स्थान दिया। जहां उसका नाम विष्टि करण रखा गया। कृष्णपक्ष की तृतीया, दशमी और शुक्लपक्ष की चतुर्थी, एकादशी के उत्तरार्ध में और कृष्णपक्ष की सप्तमी, चतुर्दशी शुक्ल पक्ष की अष्टमी और पूर्णिमा के पूर्वार्ध में भद्रा रहती है।
- सोमवार व शुक्रवार की भद्रा कल्याणी कही जाती है।
- शनिवार की भद्रा अशुभ मानी जाती है।
- गुरुवार की भद्रा पुण्यवर्ती कही जाती है।
- रविवार, बुधवार व मंगलवार की भद्रा भद्रिका कही जाती है।
- इसके अलावा भद्रा का वास अलग -अलग लोकों में, राशि के फलस्वरूप बदलता है।
- शनिवार को विष्टि करण में जन्मे जातको के लिए या फिर विष्टि करण में जन्मे जातकों के लिए शनिदेव का कुंडली में शुभ ओर अशुभ होने से कई गुना प्रभाव बढ़कर प्राप्त होते हैं।
- शनिवार की भद्रा में गुलिक यदि कुंडली मे अशुभ स्थान में बैठ जाये तो यह योग बहुत अशुभ परिणाम देता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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