Sunday Special : छत्तीसगढ़ का वृंदावन, एक क्लिक में जानें चम्पेश्वर महादेव और वल्लभाचार्य मंदिर की ये महत्वपूर्ण बातें

Sunday Special : छत्तीसगढ़ का वृंदावन, एक क्लिक में जानें चम्पेश्वर महादेव और वल्लभाचार्य मंदिर की ये महत्वपूर्ण बातें
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Sunday Special : चम्पेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ के चम्पारण नामक स्थान पर स्थित है और यह मंदिर पंचकोशी मंदिर श्रृंखला में आता है जोकि बहुत ही प्राचीन धार्मिक स्थल है और यहां महादेव का बहुत ही पुराना मंदिर स्थित है। यह मंदिर सातवी शताब्दी का माना जाता है और यहां पर वल्लभाचार्य जी का भी प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां पास ही में यमुना माता का भी मंदिर स्थित है और इस मंदिर में एक छोटी सी नदी बहती है। यहां मौजूद वन क्षेत्र में जूते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित माना जाता है और यहां केवल नंगे पैर ही जाया जाता है।

Sunday Special : चम्पेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ के चम्पारण नामक स्थान पर स्थित है और यह मंदिर पंचकोशी मंदिर श्रृंखला में आता है जोकि बहुत ही प्राचीन धार्मिक स्थल है और यहां महादेव का बहुत ही पुराना मंदिर स्थित है। यह मंदिर सातवी शताब्दी का माना जाता है और यहां पर वल्लभाचार्य जी का भी प्राचीन मंदिर स्थित है।

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यहां पास ही में यमुना माता का भी मंदिर स्थित है और इस मंदिर में एक छोटी सी नदी बहती है। यहां मौजूद वन क्षेत्र में जूते-चप्पल पहनकर जाना वर्जित माना जाता है और यहां केवल नंगे पैर ही जाया जाता है।


ऐसी मान्यता है कि, इस स्थान पर ही वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक वल्लभाचार्य जी का जन्म हुआ था। उनका जन्म वैशाख बदी 1334 (सन 1478 ईसवी) को हुआ माना जाता है।


इस स्थान पर प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन महाप्रभु के सम्मान में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।


चम्पारण से करीब 11 किलोमीटर दूर महानदी पर बना एनिकट है जिसमें 116 गेट हैं और यहां समीप में ही एक बहुत सुन्दर उद्यान स्थित है और यहां एक विशाल हनुमान प्रतिमा भी स्थापित है जोकि यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र है।


वनवास काल के दौरान इस क्षेत्र में कुछ दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ ठहरे थे और यहां पंचकोशी परिक्रमा कर श्रृद्धालु लोग धर्म लाभ कमाते हैं।


चम्पारण छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर है और यहां चम्पारण्य वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक वल्लभाचार्य जी की जन्म-स्थली होने के कारण यह उनके अनुयायियों का प्रमुख दर्शन स्थल है।


यहां चम्पकेश्वर महादेव का पुराना मन्दिर है। इस मन्दिर के शिवलिंग के मध्य कई रेखाएं हैं। जिससे शिवलिंग तीन भागों में बंट गया है, यह शिवलिंग क्रमशः गणेश, पार्वती व स्वयं शिव का प्रतिनिधित्व करते हैं।


चम्पारण में वृंदावन की तरह ही अनेक मंदिर बनाए गए है। चम्पारण छत्तीसगढ़ का बहुत ही रमणीय और धार्मिक स्थान है। यहां स्थित चम्पेश्वर महादेव मंदिर और वल्लभाचार्य मंदिर होने के कारण दूर-दूर से लाखों लोग उनके दर्शन के लिए आते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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