Sunday Special: देवो के देव महादेव पिछले 5000 साल से यहां है इस रूप में हैं विराजमान...

Sunday Special: देवो के देव महादेव पिछले 5000 साल से यहां है इस रूप में हैं विराजमान...
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Sunday Special: शिव शंकर महादेव जोकि सम्पूर्ण विश्व के स्वामी हैं, लोग उन्हें बहुत से नामों से जानते हैं। शिव भक्त पंचदेव, देवाधिदेव, त्रिलोकीनाथ, नागेश्वर, भोला, शम्भु, शशिशेखर, महेश्वर , शिव आदि, नामों से उन्हें पुकारते हैं, देश और दुनिया में भगवान शिव के करोड़ों भक्त हैं जोकि हर वक्त शिव की भक्ति में लीन रहते हैं। शिव को ध्यान का गुरु भी कहा जाता है, कहते है शिव इतने भोले हैं कि जो उनसे मांगोगे वह अपने भक्तों को सब कुछ दे देते हैं।

Sunday Special: शिव शंकर महादेव जोकि सम्पूर्ण विश्व के स्वामी हैं, लोग उन्हें बहुत से नामों से जानते हैं। शिव भक्त पंचदेव, देवाधिदेव, त्रिलोकीनाथ, नागेश्वर, भोला, शम्भु, शशिशेखर, महेश्वर , शिव आदि, नामों से उन्हें पुकारते हैं, देश और दुनिया में भगवान शिव के करोड़ों भक्त हैं जोकि हर वक्त शिव की भक्ति में लीन रहते हैं। शिव को ध्यान का गुरु भी कहा जाता है, कहते है शिव इतने भोले हैं कि जो उनसे मांगोगे वह अपने भक्तों को सब कुछ दे देते हैं।

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फाल्गुन और सावन के महीने में हर साल, बड़े ही धूमधाम से भगवान शिव की पूजा की जाती है। पूरे देश में शिव भक्त अपने आरध्य को भक्तिभाव से प्रसन्न करते हैं और साथ ही लोग विशेष रूप से आराधना करते हैं, हजारों लोग कांवड़ लाकर शिव को प्रसन्न करते हैं। वैसे तो भगवान शिव कई रूपों में विराजमान हैं जिसमे उनकी पूजा की जाती है, लेकिन शिवलिंग का महत्व अलग होता है। तो आइए जानते हैं एक ऐसे ही शिवलिंग के बारे में जोकि लगभग 5000 साल पुराना है।

शिव मंदिर की विशेष बातें

  1. गुजरात के नर्मदा जिले में महादेव का एक महत्वपूर्ण मन्दिर स्थित है।
  2. इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग को 1940 में पुरातत्व विभाग ने खुदाई के दौरान खोजा था।
  3. यह शिवलिंग गुजरात के प्राचीन नर्मदा जिले के देडीयापाडा तालुका के कोकम गांव में स्थित है।
  4. इस 5000 साल पुराने शिवलिंग के दर्शन के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं।
  5. हर सोमवार को भक्त यहां भगवान शंकर की आराधना के लिए आते हैं।
  6. इस स्थान पर 1940 को पुरातत्व विभाग ने शिवलिंग के साथ और भी बहत ही अनमोल वस्तुएं खोजी थी।
  7. इस मन्दिर का उल्लेख हजारों साल पुरानी पुराणिक किताबों में भी है।
  8. इस मन्दिर का प्राचीनकाल में नाम जलेश्वर महादेव मन्दिर के नाम पर था।
  9. इस मन्दिर में महाशिवरात्रि को विशेष मेला लगता है और साथ ही विशेष तरीके से भगवान शंकर की पूजा होती है इस मन्दिर का इतना महत्व ही की जो भी यहा आता है उसकी हर मनोकमाना पूर्ण हो जाती है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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