Sunday Special : हिरणी के पेट से हुआ था भगवान श्रीराम की बहन के पति का जन्म, एक क्लिक में जानें पूरी कथा

- पौराणिक ऋषि-मुनि बहुत ही बड़े तपस्वी और अत्यंत ज्ञानी हुआ करते थे।
- जानें, श्रृंगी ऋषि के विचित्र जन्म की पूरी कहानी
Sunday Special : हमारे पौराणिक ऋषि-मुनि बहुत ही बड़े तपस्वी और अत्यंत ज्ञानी हुआ करते थे। एक व्यक्ति को उत्पन्न करना भी उनकी विद्या का छोटा सा हिस्सा हुआ करता था। तो आइए जानते हैं एक ऐसे ही ऋषि श्रृंगी जोकि भगवान राम की बहन के पति थे, उनके विचित्र जन्म के बारे में कि आखिर कैसे उनका जन्म एक हिरणी के गर्भ से हुआ था।
श्रृंगी के पिता का नाम महात्मा विभाण्डक एक बहुत बड़े तपस्वी थे। माना जाता है कि विभाण्डक ऋषि के कठोर तप से देवराज इंद्र भी घबरा गए थे। इसी कारण देवराज इंद्र को यह भय सताने लगा था कि कहीं महात्मा विभाण्डक अपने तप के बल से उनके स्वर्ग का राज उनसे छीन ना लें। इसी कारण उन्होंने विभाण्डक ऋषि की तपस्या को भंग करने के लिए स्वर्ग की एक अप्सरा को पृथ्वी पर भेजा।
फिर जब अगली सुबह विभाण्डक ऋषि सरोवर में स्नान करने गए तभी देवराज इंद्र की भेजी हुई अप्सरा बड़े ही कामुक अंदाज में सरोवर के पास आई और सरोवर में स्नान कर रहे विभाण्डक ऋषि को लुभाने लगी।
उस कामुक अप्सरा को देखकर महात्मा विभाण्डक ऋषि के मन में तीव्र कामवासना जाग उठी। जिस कारण उनका वीर्य पानी के अंदर ही निकल गया।
वीर्य गिर जाने के कारण महात्मा विभाण्डक की तपस्या भंग हो गई। जिसके पश्चात महात्मा विभाण्डक को बड़ा पछतावा हुआ। पछताते हुए महर्षि विभाण्डक अपने आश्रम में चले गए।
फिर कुछ समय बाद एक प्यासी हिरणी उस सरोवर के पास आई और सरोवर से पानी पीने लगी। जिसके साथ-साथ प्यासी हिरणी महर्षि विभाण्डक का पानी में गिरा हुआ वीर्य भी पी गई। तथा उसी कारण से वह हिरणी उस वीर्य से गर्भ धारण कर लेती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माना जाता है कि वह हिरणी भी पहले एक देवकन्या ही थी। जिसे किसी कारण वश परमपिता ब्रह्मा जी ने एक योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया था।
इस प्रकार हिरणी बनी देवकन्या समय आने पर एक बच्चे को जन्म देती है। जिसके माथे पर एक सींग भी उगा था।
माथे पर सींग होने के कारण उनका नाम श्रृंगी पड़ा था।
उसके बाद उस बच्चे को विभाण्डक ऋषि ने स्वयं पालन-पोषण कर बड़ा किया। जिसका कुछ समय बाद भगवान राम की बहन शांता से विवाह हुआ।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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