कन्या के विवाह में देरी होने पर करें ये अचूक उपाय, जानें मंत्र और विधि

जन्म पत्रिका को यदि संयम और बौद्धिकता के साथ तलाशा जाए तो ग्रह-नक्षत्रों के ऐसे अनेक संयोग मिल जाएंगे, जो लड़कियों का विवाह करवाने, न करवाने अथवा विलंब आदि से करवाने के संकेत देते हैं। ग्रह-गोचर आदि की सूक्ष्म गणनाओं से विवाह की समयावधि का भी ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सकता है और उसके अनुसार विवाह संपन्न होते हैं। परंतु ऐसे अनेक प्रकरण सामने आते हैं कि व्यक्तिगत जन्मपत्रिका में विवाह के स्पष्ट संकेत होने के बाद भी विवाह किन्हीं कारणों से संपन्न नहीं हो पाता और लड़की सहित पूरे परिवार के लिए मानसिक संत्रास का एक कारण बन जाता है।
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यदि जन्म पत्रिका में विवाह न हो पाने के कारण ऐसी विपरीत परिस्थिति बन रही हो तो एक बार कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। इससे विवाह में बन रही विपरीत परिस्थिति और बाधा का समाधान हो जाएगा। विवाह की इच्छा रखने वाली लड़कियां सात जनेऊ लेकर हल्दी के घोल में रंग लें, सात पीतल के सिक्के ले लें। यदि सिक्के सुलभ न हो पाएं तो पीतल की पतली शीट में से सिक्के के आकार के सात टुकड़े कटवा लें, सात हल्दी की अखंडित गांठ ले लें, सात गुड़ के छोटे-छोटे टुकड़े ले लें, सात पीले फूल, सत्तर सेंटी मीटर पीला कपड़ा, सत्तर ग्राम चने की दाल और एक भोजपत्र का वर्गाकार टुकड़ा ले लें।
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भोज पत्र पर यंत्र अंकित करने के लिए अनार अथवा चमेली की कलम और हल्दी तथा रोली की स्याही तैयार कर लें। इस उपाय को गुरु ग्रह के तीन नक्षत्रों पुनर्वसु, विशाखा तथा पूर्वाभाद्रपद में से किसी एक नक्षत्र में करें। इन नक्षत्रों के मध्य पड़ने वाले गुरु के होरा काल में भी यदि आप इस उपाय को करते हैं तो इसका प्रभाव और अधिक तीव्र हो जाएगा। वहीं आपको पीले रंग के सात फूल उस दिन लेने हैं, जिस दिन से आपको उपाय करना है। और वहीं अन्य सामग्री आप पहले से भी जुटाकर रख सकती हैं।
निश्चित काल में तन-मन से पवित्र और आस्थावान होकर भोज पत्र पर हल्दी और रोली मिश्रित स्याही लेकर मन में सीता जी अथवा माता पार्वती जी का स्मरण करते हुए अपनी इच्छा की पूर्ति की कामना करती रहें। तथा पीले रंग के कपड़े पर विवाह के लिए एक यंत्र स्थापित करके उस पर पीले फूल अर्पित करें तथा अन्य सामग्री से उस यंत्र कोर अलंकृत कर दें। इसके बाद इस पीले कपड़े की एक पोटली बना लें। तथा सीता जी या माता पार्वती का ध्यान करते करते हुए ' कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्द गोप सुतं देवी पतिं मे कुरू ते नमः।' मंत्र का जाप प्रतिदिन सुबह के समय स्नान के बाद तीन माला करें। तथा साथ ही आप प्रतिदिन गाय को गुड़ तथा रोटी खिलाएं। पक्षियों को चावल खिलाएं। केले के वृक्ष में जल अर्पित करें और जल में चीनी मिला कर सूर्य को अर्घ्य दें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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