Surya Grahan 2021 : सूर्य ग्रहण की डेट, टाइम और सूतक काल, जानें गर्भवती महिलाओं के खास परहेज

Surya Grahan 2021 : सूर्य ग्रहण की डेट, टाइम  और सूतक काल, जानें गर्भवती महिलाओं के खास परहेज
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  • जानें, सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या करें और क्या ना करें
  • जानें, भारत में दिखाई देगा अथवा नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
  • जानें, ग्रहण से कितने समय पहले लग जाता है सूतक काल

Surya Grahan 2021 : 26 मई के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है और अब बहुत ही जल्दी साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण 10 जून ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन लगेगा। इस ग्रहण की खास बात यह है कि इस दिन ग्रहण के अलावा ज्येष्ठ मास की अमावस्या, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी होगा। ऐसे में 10 जून का यह दिन कई मायनों में खास होगा। वहीं ज्योतिष के अनुसार 10 जून को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इस दिन वट सावित्री व्रत, अमावस्या और शनिदेव का पूजन आप निश्चित होकर कर सकते हैं।

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सूर्य ग्रहण का समय

सूर्य ग्रहण 10 जून, दिन गुरुवार और ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर लगेगा। यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समय अनुसार ग्रहण 10 जून के दिन दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा और इसी दिन शाम 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।

सूतक काल

जहां तक ग्रहण के सूतक की बात करें तो यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। तो इस तिथि में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि जब भी ग्रहण लगता है तो इसके सूतक पर विचार किया जाता है। किसी भी ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है और इस दौरान कई तरह के कार्यों को करने की मनाही होती है। सूर्य ग्रहण भारत में ना के बराबर दिखाई देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। ये ग्रहण कंगन के आकार का अर्थात कंकणाकृती सूर्यग्रहण होगा। जो दक्षिणी अमेरिका नाडा, रूस, एशिया, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैण्ड और कई अन्य देशों में दिखाई देगा।

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गर्भवती महिलाएं क्या करें, क्या ना करें

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण को देखने से बचना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान आपको घर में ही रहना चाहिए। ताकि शिशु पर ग्रहण के दौरान निकलने वाली नेगेटिव एनर्जी का असर ना पड़ें। ग्रहण काल में विशेषकर नोंकदार चीजों का प्रयोग ना करें। ग्रहण काल के दौरान कुछ भी खाने-पीने से बचें।

यदि आप कर सकें तो ग्रहण काल में अपने ईष्टदेव का ध्यान करें। ग्रहण काल में मंत्र जाप और हनुमान चालीसा या दुर्गासप्तसती का पाठ करना चाहिए । इससे नाकारात्मक शक्तियों का प्रभाव आप पर और होने वाले शिशु पर नहीं पड़ता।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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