Surya Grahan 2022 : साल 2022 के अंतिम सूर्य ग्रहण का दुनियाभर में कितना भयंकर होगा प्रभाव, जानें ये ज्योतिषीय रिपोर्ट

Surya Grahan 2022 : 25 अक्टूबर 2022 को शाम के समय पड़ने वाला सूर्य ग्रहण साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। वहीं इस सूर्य ग्रहण का दुनिया के सभी देशों में कोई ना कोई प्रभाव पड़ सकता है अर्थात दुनिया में सभी स्थानों पर कोई ना कोई घटना घटित हो सकती है। जिससे वह स्थान किसी ना किसी तरह प्रभावित होगा। तो आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का किस देश में क्या प्रभाव हो सकता है।
सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा, जोकि साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। वहीं साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में मंगलवार के दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को लगेगा। भविष्यफल की मानें तो तुला राशि में लगने वाला सूर्य ग्रहण सोने का भाव तेज कर सकता है। वहीं वृहसंहिता के राहु चार अध्याय की मानें तो तुला राशि में जब ग्रहण होता है तो उज्जैन और उसके सीमावर्ती प्रदेश यानि मध्य प्रदेश, व्यापारी वर्ग, मरू तथा कच्छ प्रदेश वर्तमान में गुजरात, राजस्थान और पाकिस्तान का सिंध प्रांत के लोगों को कष्ट होने की अधिक संभावनाएं बनती हैं।
सूर्य ग्रहण के कुछ दिन बाद ही सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई, व्यापारी वर्ग और अधिक पैसे वाले यानि धनाढय लोगों के जीवन में कुछ कष्ट आ सकते हैं। तुला राशि के अधीन आने वाले पदार्थ (उड़द, राजमा, जौ, गेंहू, सरसों) आदि के भाव में तेजी आ सकती है।
भारत में ये खंडग्रास सूर्य ग्रहण दिवाली से अगले दिन दोपहर के बाद आरंभ होगा और शाम तक यानि सूर्यास्त के समय समाप्त होगा।
भारत के अलावा ये सूर्य ग्रहण यूरोप, पूर्वी एशिया, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, उत्तरी हिंद महासागर आदि जगह पर भी दिखायी देगा।
सूर्य ग्रहण के कुछ दिन बाद ही रूस और यूक्रेन में चल रहा युद्ध और भी भयानक रूप ले सकता है।
ग्रहण के दौरान चंद्र और सूर्य दोनों ही तुला राशि में मौजूद रहेंगे। वहीं इनके साथ वहां केतु और शुक्र ग्रह भी इनके साथ रहेंगे। वहीं सूर्य, चंद्र, शुक्र और केतु की इस युति से पश्चिम दिशा इससे अधिक प्रभावित रहेगी और वहां इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रकोप रहेगा।
मकर राशि में विचरण कर रहे शनि की दशमी दृष्टि के कारण सूर्य और चंद्रमा की विशेष पीड़ा होने से यूरोप में अनाज की कमी हो सकती है। वहीं यूरोप में युद्ध के हालात भी बन सकते हैं।
भारत के पश्चिमी प्रांत गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में कुछ हिंसक घटनाएं होने की संभावना है।
ईरान की कर्क लग्न की कुण्डली के चौथे घर को पीड़ित करके ये सूर्य ग्रहण वहां की महिलाओं के हिजाब के विरोध में हो रहे आंदोलन को हिंसक बना सकता है।
ग्रह के दौरान शुक्र का अस्त होना और शनि की दशमी दृष्टि से पीड़ित होना महिलाओं के विरूद्ध क्रूरतम अपराधों को बल दे सकता है। जिसका प्रभाव ईरान और पाकिस्तान के अलावा भारत के पश्चिमी हिस्सों में देखा जा सकता है।
ईरान में इस्लामिक कट्टरपंथियों की सरकार महिला आंदोलन के विरोध में सैन्य कार्रवाई कर सकती है।
तुला राशि का ग्रहण पाकिस्तान की मेष लग्न की कुण्डली के सप्तम भाव में होगा और वहां पर राजनैतिक हिंसा का योग बना सकता है। ग्रहण के दौरान बनने वाली कुण्डली में मीन लग्न उदित हो रहा है, जिसके चलते वक्री गुरू, बुध और शनि की दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में सरकार की नई आर्थिक नीति और सरकारी एजेंसियों की मनी लॉन्डरिंग मामलों में कार्रवाई हो सकती है और इससे कई बड़ी हस्तियों पर संकट के बादल छा सकते हैं। साथ ही ग्रहण की कुण्डली के अष्टम भाव में सूर्य और चंद्रमा, चतुर्थ में मंगल और धन लाभ में राहु बड़े नेताओं को कुछ अशुभ संकेत भी कर रहे हैं। दिवाली के अगले दिन मंगलवार को लग रहे इस सूर्य ग्रहण का भ्रष्टाचार के विरूद्ध सरकार की कोई बड़ी कार्रवाई का भी ज्योतिषीय संकेत दे रहा है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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