Dussehra 2023: इस जगह पर रावण के पूजा करने की परंपरा चली आ रही, नहीं जलाया गया आजतक पुतला

Dussehra 2023: इस जगह पर रावण के पूजा करने की परंपरा चली आ रही, नहीं जलाया गया आजतक पुतला
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Dussehra 2023: दशहरा वाले दिन रावण का दहन नहीं, बल्कि उसकी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि यह भारत के किस शहर में होता है।

Dussehra 2023: आज यानी 24 अक्टूबर 2023 को दशहरा (विजयदशमी) का त्यौहार पूरे भारत देश में बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह विजयदशमी का त्यौहार शारदीय नवरात्री के 9 दिन के बाद दसवें दिन मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत की वजह से लंकापति रावण के साथ-साथ कुंभकरण और मेघनाद के पुतले का दहन करके मनाया जाता है। इस दिन जगह जगह मेलों का भी आयोजन होता है और जहां तीनों पुतलों को दहन किया जाता है।

भारत में कहां नहीं किया जाता रावण का दहन

जहां हमारे भारत देश में अधिकतर जगह विजयदशमी का त्यौहार रावण को दहन करके मनाया जाता है। लेकिन, भारत में ही पंजाब के जिला लुधियाना के शहर पायल में चार वेदों के ज्ञाता लंकापति रावण को दहन नहीं किया जाता है, बल्कि विजयदशमी वाले दिन उसकी पूरा दिन पूजा की जाती है।

कब से चली आ रही है यह प्रथा

जानकारों के मुताबिक, लुधियाना के शहर पायल में रावण को पूरा दिन पूजने की प्रथा 1835 से चली आ रही है। इस प्रथा को दूबे बिरादरी के लोगों द्वारा निभाया आता जा रहा है। यह दूबे बिरादरी के लोग देश-विदेश से यहां आकर नवरात्रि के नो दिन तक चलने वाली रामलीला और दशहरा मेला का आयोजन भी करते हैं। साथ ही रावण की विधिवत पूजा करते है। इसके अलावा इस पायल शहर में बने 177 साल पुराने मंदिर में भगवान श्रीराम चंद्र, लक्ष्मण, हनुमान और माता सीता की पूजा की जाती है।

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