भगवान गणेश के इस स्वरूप से होता है भक्तों का कल्याण, आप भी जानें

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। और सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने से पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। शास्त्रों में भगवान गणेश के 11 स्वरुप बताए गए हैं। बताया गया है कि भगवान गणेश का नाम लेने मात्र से दुखों का निवारण हो जाता है। तो आइए जानें भगवान गणेश के किस स्वरुप का किस प्रकार पूजन किया जाए। और किस स्वरुप का पूजन करने से क्या फल मिलता है।
सफेद आंकड़े के गणेश
सफेद आंकड़े का पेड़ अधिकतर घरों में पाया जाता है। इसका प्रयोग ज्यादातर तांत्रिक लोग तंत्र क्रियाओं और टोटके आदि करने के लिए करते हैं। आंकड़े के पेड़ की जड़ से निर्मित गणपति की विधि-विधान से पूजा करने पर किसी ऊपरी बाधा आदि का असर नहीं होता।
मूंगा के गणेश
मूंगा एक रत्न होता है। इसे आभूषण आदि के साथ पहना जाता है। मूंगा से निर्मित गणेश की प्रतिमा की पूजा करने से व्यक्ति की प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है।
पन्ना के गणेश
पन्ना भी एक रत्न होता है। पन्ना से बने गणेश की पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है। और साथ ही उस व्यक्ति को यश प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों के लिए भगवान गणेश के इस स्वरुप की पूजा शुभ फल देने वाली होती है।
चांदी के गणेश
चांदी से बने गणेश की पूजा करने से घर में धन धान्य की वृद्धि होती है। व्यक्ति का जीवन सुखी और संपन्न हो जाता है।
चंदन के गणेश
चंदन की लकड़ी से बने गणेश घर में नकारात्मक ऊर्जा को अंदर आने से रोकते हैं। चंदन की गणेश प्रतिमा को घर में कहीं भी स्थापित कर सकते हैं। इससे घर में खुशहाल वातावरण रहता है।
पारा धातु से बने गणेश
धन-संपत्ति चाहने वाले व्यक्ति को पारद अर्थात पारा धातु से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। पारे से बनी गणेश प्रतिमा का प्रयोग तांत्रिक क्रियाओं में भी किया जाता है।
बांसुरी बजाते हुए गणेश
बांसुरी बजाते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा घर में स्थापित करके इसका पूजन करने से घर में सुख-शांति का वातावरण रहता है। सभी प्रकार के विवाद और झगड़े आदि शीघ्र समाप्त हो जाते हैं।
हरे रंग के गणेश
विद्यार्थियों को हरे रंग की गणेश प्रतिमा का पूजन करना चाहिए। हरे रंग की गणेश प्रतिमा का पूजन करने से ज्ञान व बुद्धि का विकास होता है।
हाथी पर बैठे गणेश
हाथी पर बनी गणेश प्रतिमा का पूजन करने से पैसा, इज्जत और समाज में शोहरत मिलती है। धन चाहने वाले व्यक्ति को भगवान गणेश के इस स्वरुप की पूजा करना अति शुभ माना गया है।
नाचते हुए गणेश
नाचते हुए गणेश प्रतिमा का पूजन मन को शांति देता है, भगवान गणेश का यह स्वरुप तनाव और भय आदि से छुटकारा दिलाता है।
पंचमुखी गणेश
रिद्धि और सिद्धि आदि तंत्र क्रियाओं को संपन्न करने के भगवान गणेश के पंचमुखी स्वरुप का पूजन किया जाता है। भगवान गणेश के इस स्वरुप के पूजन से प्रत्येक तंत्र क्रिया बिना किसी भी बाधा के संपन्न हो जाती है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS