जानिए किन गलतियों के कारण नहीं मिलता बृहस्पतिवार व्रत का पूरा फल, इस उपवास में क्या खाएं क्या ना खाएं

- ब्रह्मांड के सभी ग्रहों में से बृहस्पति (Brihaspati) सबसे भारी ग्रह है।
- बृहस्पति ग्रह पीले रंग का होता है।
- बृहस्पतिवार का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
ब्रह्मांड के सभी ग्रहों में से बृहस्पति सबसे भारी ग्रह है। बृहस्पति ग्रह पीले रंग का होता है। धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। बृहस्पतिवार का व्रत (Brihaspativar Vrat) साई बाबा को प्रसन्न करने के लिए भी किया जाता है। जो लोग भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार का व्रत रखते हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए।
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बृहस्पतिवार का व्रत करने और व्रत कथा सुनने से सारी मनोकामनाए पूरी होती हैं। इस व्रत से धन, संपदा, की प्राप्ति होती है। जिन लोगों के घरों में संतान नहीं है उन लोगों को संतान की प्राप्ति होती है। खासकर इस व्रत को कुंवारी लड़कियों के लिए काफी फलदायी माना जाता है। इस व्रत को करने से विवाह में आ रही रूकावट दूर हो जाती है।
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इस व्रत पूजा को करने के लिए सबसे पहले बृहस्पतिवार के दिन प्रात:काल उठकर नित्य कार्य करके स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करके विष्णु भगवान की प्रतिमा या तस्वीर के सामने व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। व्रत का संकल्प लेने के बाद एक लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ी सी हल्दी डालकर विष्णु भगवान या केले के पेड़ की जड़ को स्नान कराएं। उसके बाद उस लोटे में जल लेकर उसमें गुड़ और चने की दाल डालकर रख लीजिए। और जब आपकी पूजा समाप्त हो जाए तो उस लोटे से केले के पेड़ की जड़ पर इस मिश्रण को चढ़ा दीजिए। भगवान विष्णु की पूजा में पीले फूल, पीले फल और पीली मिठाई ही चढ़ाई जाती है। और विष्णु भगवान का मुख्यरुप से प्रसाद भी चने की दाल और गुड़ ही है।
बृहस्पतिवार को विष्णु भगवान के व्रत में मुख्यरुप से चने की दाल से बने हुए आहार को फलाहार के रुप में लिया जाता है। जैसे की चने के बेसन का चीला, बेसन की पूड़ी, बेसन की रोटी आदि बनाकर दही या किसी मीठी चीज के साथ आप सेवन कर सकते हैं। बृहस्पतिवार के दिन विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए जो लोग व्रत करते हैं, वो उस दिन केवल शाम के समय ही किसी वस्तु आदि का सेवन कर सकते हैं। वैसे दिन के समय आप चाय, दूध, शरबत आदि पी सकते हैं। और आप दिन में फलों का सेवन भी कर सकते हैं। बृहस्पतिवार के व्रत के दौरान व्रती को किसी भी प्रकार का नमक ग्रहण नहीं करना चाहिए। चाहे वो सेंधा नमक ही क्यों ना हो।
बृहस्पतिवार के दिन विष्णु भगवान का व्रत करने वाले लोगों को ना तो खिचड़ी का सेवन करना चाहिए और ना ही घर में उस दिन खिचड़ी बनाना चाहिए। बृहस्पतिवार के व्रत में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको लाल रंग के फल और केला आदि फलाहार के रूप में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि केला मुख्यरूप से बृहस्पतिदेव का स्वरुप होता है। और इस व्रत में केले की पूजा की जाती है। बृहस्पतिवार के व्रत को लगातार सात या फिर 16 बृहस्पतिवार तक करना चाहिए। और 17वें बृहस्पतिवार को इस व्रत और पूजा का विधि पूर्वक उद्यापन कर देना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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