Tulsi puja 2020: जानिए किन स्त्रियों को नहीं करनी चाहिए तुलसी पूजा

Tulsi puja 2020: जानिए किन स्त्रियों को नहीं करनी चाहिए तुलसी पूजा
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Tulsi puja 2020: तुलसी का पौधा प्रत्येक हिन्दू के घर में होता है। पौराणिक ग्रंथों में तुलसी के पौधे के महत्व को बताया गया है। यह पौधा पृथ्वी पर स्थित वनस्पतियों में से एक है।

Tulsi puja 2020: तुलसी का पौधा प्रत्येक हिन्दू के घर में होता है। पौराणिक ग्रंथों में तुलसी के पौधे के महत्व को बताया गया है। यह पौधा पृथ्वी पर स्थित वनस्पतियों में से एक है। तुलसी का पौधा कई प्रकार के रोगों का नाश करने वाला तथा साकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला है। तुलसी का पौधा घर में होने से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। और घर से रोग और बीमारियां दूर होती रहते हैं। इसी कारण प्राचीन ऋषि-मुनियों ने तुलसी की पूजा करने का विधान बताया है। प्रतिदिन अगर कोई व्यक्ति तुलसी पत्र का सेवन करता है तो वह कई प्रकार के रोगों से दूर रहता है।

यह मनुष्य के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गुणकारी औषधि है। और आजकल विज्ञान भी इस बात को मानता है। लेकिन शास्त्रों में तुलसी के पौधे से जुड़ी कुद ऐसी मान्यताएं हैं जो तुलसी का पौधा लगाते समय ध्यान में रखनी चाहिए।

तुलसी का पौधा किसी भी गुरुवार को लगा सकते हैं। तुलसी का पौधा लगाने के लिए कार्तिक का महिना सबसे उत्तम माना जाता है। कार्तिक के महीने में तुलसी का पौधा लगाने से प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। तुलसी का पौधा घर या आंगन के बीच में ही लगाना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि तुलसी पूजा के दौरान कौन सी ऐसी गलतियां हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी को लेकर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखने से खराब से खराब किस्मत में भी चमक जाती है। तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह के समय ही तोड़ने चाहिए। और रविवार के दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक ना जलाएं। भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को तुलसीदल जरुर अर्पित करें। चंद्र ग्रहण के दौरान अन्न में तुलसी के पत्ते रखने पर अन्न में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है।

तुलसी का पौधा बुध का प्रतिनिधित्व करता है। जो भगवान कृष्ण का ही एक स्वरूप माना जाता है। भगवान कृष्ण को तुलसी अति प्रिय हैं। भगवान श्रीकृष्ण को भोग बिना तुलसी जी के नहीं लगाया जाता है।

जिस परिवार के लोग भगवान श्रीकृष्ण को मानते हैं उनके घर में तुलसी का पौधा जरुर होना चाहिए। और उन्हें भगवान कृष्ण के साथ तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि और एश्वर्य की प्राप्ति होती है।

तुलसी को परम वैष्णों माना गया है। अर्थात यह भगवान विष्णु का प्रिय पौधा है। जिस प्रकार भगवान विष्णु जी की पूजा में तामसिक चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। उसी प्रकार तामसिक क्रिया करने वाले लोगों को अपने घर में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने पर ये अशुभ फल देता है। अर्थात जिस घर में मांस पकाया और खाया जाता है ऐसे घर में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए।

भगवान विष्णु के भक्तों के लिए मद्यपान वर्जित माना गया है। जिस घर के लोग शराब पीते हैं ऐसे घर में तुलसी का पौधा नहीं होना चाहिए। ऐसे घर में तुलसी रखने से लाभ की बजाय हानि पहुंचती है। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं कर सकते तो घर में तुलसी का पौधा भूल से भी ना लगाएं।

कभी भी तुलसी के पौधे को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में रखी गई तुलसी हमेशा अशुभ फल देती है। तुलसी को हमेशा उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। जोकि बुध की दिशा मानी जाती है।

तुलसी को कभी भी जमीन में ना लगाएं। तुलसी को हमेशा गमले में लगाना चाहिए। जमीन में लगाने पर तुलसी अशुभ फल प्रदान करती है। जिसका असर घर के सदस्यों पर पड़ता है।

अगर किसी स्त्री का मासिक धर्म चल रहा हो तो उसे भी तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। जब द्रोपदी को वस्त्र हरण के लिए दुशासन उन्हें लेने के लिए आया था तो ऐसा माना जाता है कि उस समय द्रोपदी का मासिक धर्म चल रहा था। और इसी वजह से वो अपने कक्ष में ना रहकर दूसरे कक्ष में एक वस्त्र में रह रही थी। और किसी भी पवित्र स्थान पर नहीं जाती थी।

इसी कारण हम देख सकते हैं कि प्राचीन काल से ही ऐसी मान्यता है कि मासिक धर्म के दौरान किसी भी पवित्र स्थान पर महिलाओं को जाने से रोका जाता है। इसी कारण तुलसी की पूजा भी मासिक धर्म के दौरान नहीं करनी चाहिए।

तुलसी एक पवित्र पौधा है। और इसकी पूजा केवल पतिव्रता स्त्री ही कर सकती है। जो स्त्री कई पुरूषों के साथ संबंध रखती हो उसे तुलसी की पूजा का बुरा फल मिलता है।

शास्त्रों के अनुसार जो स्त्री दुष्टा हो। दूसरों के साथ कपट करने वाली हो, दूसरों के अन्न में विष डालने वाली हो, ऐसी स्त्री अगर तुलसी की पूजा करती है तो उसे इसका अशुभ फल ही मिलता है।

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