बृहस्पतिवार को करें पीतल के बर्तनों का उपयोग, चमक जाएगी आपकी किस्मत

बृहस्पतिवार को करें पीतल के बर्तनों का उपयोग, चमक जाएगी आपकी किस्मत
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बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने का भी विधान है। बताया जाता है गुरु ग्रह वृद्धि, ज्ञान, धर्म एवं सुख-समृद्धि का कारक होता है।

बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने का भी विधान है। बताया जाता है गुरु ग्रह वृद्धि, ज्ञान, धर्म एवं सुख-समृद्धि का कारक होता है। इसे वैवाहिक जीवन और भाग्य का कारक भी माना जाता है। बताया जाता है कि बृहस्पतिवार को बृहस्पति से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने से जातक को उसका विशेष लाभ मिलता है। गुरु से जुड़ा यह उपाय आपकी किस्मत का सितारा चमका सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पतिवार के दिन पीतल के बर्तनों का उपयोग करना बेहद ही लाभकारी होता है। पूजा-पाठ में पीतल या तांबे के बर्तनों का प्रयोग करना भी शुभ होता है। यदि आपका भाग्य सोया हुआ है तो आपको बृहस्पतिवार के दिन पीतल से जुड़े बर्तनों के उपाय करने चाहिए। पीतल की कटोरी में मुट्ठी पर चने की दाल भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इस दाल को गुड़ में मिलाकर किसी गाय को खिलाएं। बृहस्पतिवार का यह उपाय आपका सोया भाग्य जगा सकता है।

यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो बृहस्पतिवार का किसी पीतल के बर्तन में शुद्ध देशी घी भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाना चाहिए। इसके बाद इस घी को प्रसाद के रूप में जरूरतमंदों में वितरित करना चाहिए और थोड़ा स्वयं के लिए भी बचाकर रख लेना चाहिए। यदि यह उपाय हर बृहस्पतिवार को करेंगे तो आपको कभी भी पैसों की तंगी नहीं होगी।

वैसे तो शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। लेकिन यदि बृहस्पतिवार के दिन पीतल की कटोरी में घी का दीपक मां लक्ष्मी के समक्ष जलाएं और उनकी सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करें तो यह उपाय आपकी धन-सम्पत्ति में वृद्धि करेगा। आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

यदि जीवन में किसी चीज को लेकर तनाव है तो उसे दूर करने के लिए पीतल की कटोरी में दही भरकर अपने बेडरूम में बेड के नीच रखें। फिर अगली सुबह इस दही को किसी पेड़ की जड़ में डालें। यह उपाय आपके सारे तनाव को भगाने में कारगर साबित होगा। मनोवांछित फल पाने के लिए गुरुवार के दिन पीतल के कलश में चने की दालभर श्रीहरि को अर्पित करें।

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