Vakri Guru 2022 : वक्री गुरू जरुर बदलेंगे इन चार राशियों की किस्मत

Vakri Guru 2022 : 16 नवंबर 2022 तक का समय कुछ राशियों के लिए बेहद ही कष्टकारी हो सकता है। मीन राशि में देवगुरू बृहस्पति 08 अगस्त 2022 से वक्री चाल चल रहे हैं, वहीं देवगुरू बृहस्पति की ये उल्टी चाल कई राशि के जातकों के जीवन को प्रभावित कर सकती है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो देवगुरू बृहस्पति को बहुत ही शुभ ग्रह माना जाता है। वहीं जब भी कोई शुभ ग्रह उल्टी चाल चलता है तो वह अधिक प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखाता। हालांकि ग्रहों का प्रभाव कुंडली में बैठे ग्रह के स्थान पर भी निर्भर करता है। ज्योतिषविदों की मानें तो मीन राशि में देवगुरू बृहस्पति उल्टी चाल चलते हुए 16 नवंबर 2022 तक इसी राशि में रहेंगे। वहीं 16 नवंबर 2022 को देवगुरू बृहस्पति मीन राशि में ही मार्गी होकर सीधी चाल चल पड़ेंगे। इसके बाद साल 2023 में नवरात्रि के समय वे अपनी राशि बदलकर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वहीं ज्योतिष के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में गुरू छठवें, आठवें और 12वें भाव में होते हैं, उसे गुरू ज्यादा अच्छा फल नहीं देते हैं। वहीं जिन लोगों की कुंडली में गुरू नीच के यानि मकर राशि में होते हैं, तो उन्हें इस दौरान विशेष सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। वहीं ज्योतिषविदों की मानें तो जब भी कोई ग्रह वक्री, मार्गी, अस्त और उदित होता है, तो उस दौरान वह मौसम पर असर जरुर डालता है। चूंकि गुरू वक्री हो रहे हैं, इसीलिए इस दौरान बारीश के भी योग बन सकते हैं। वहीं मौसम में भी हल्के-फुल्के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। तो आइए जानते हैं गुरू इस गोचर से किन राशि के जातकों को शुभ फल देने वाले हैं।
वृषभ
गुरू का ये गोचर वृषभ राशि के 11वें भाव में वक्री होने रहे हैं, इसीलिए आपको बता दें कि, गुरू का ये गोचर इस राशि के जातकों के लिए बेहद ही खास हो सकता है। इन लोगों को नौकरी के नए ऑफर मिल सकते हैं। साथ ही आपकी कार्यशैली में भी वृद्धि होगी।
मिथुन
वक्री अवस्था में गुरू आपकी राशि के 10वें भाव में रहेंगे। इस दौरान मिथुन राशि वालों की कार्यशैली में आशातीत सुधार होगा। साथ ही आपके लिए निवेश करने का समय भी अच्छा रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं।
कर्क
देवगुरू बृहस्पति आपकी राशि नौवें भाव में विचरण कर रहे हैं और इसी कारण आप लोगों का भाग्य चमकने से कोई नहीं रोक सकता है। कारोबारियों को मुनाफा होने वाला है। आय में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं धार्मिक कार्यों में आप लोगों की रूचि बढ़ेगी।
कुंभ
गुरू कुंभ राशि के दूसरे भाव में वक्री होंगे। कुंभ राशि के जातकों को कार्यस्थल जैसे ऑफिस, दफ्तर आदि स्थानों पर सभी का सहयोग मिलेगा।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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