Vastu Shastra: भवन निर्माण से पहले सोच लें ये बात, कहां बनाएं घर का मुख्य द्वार, वरना...

Vastu Shastra: हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र को प्राचीन काल से ही बहुत महत्व दिया जा रहा है। आज के आधुनिक दौर में भी वास्तु का उतना ही महत्व है, जितना प्राचीन समय में हुआ करता था। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो यदि वास्तु के अनुरुप ना हों तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है। इन्हीं में से एक है, घर का मुख्यद्वार। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि, घर के मुख्यद्वार से ही ऊर्जा घर में प्रवेश करती है, सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करें इसके लिए इसका वास्तु के अनुरुप होना बहुत जरुरी है कि, घर का मुख्य द्वार कैसा होना चाहिए। तो आइए जानते हैं घर के मुख्य द्वार के बारे में...
वास्तु शास्त्र में ऐसा बताया गया है कि, घर का मुख्य द्वार घर के सदस्यों के घर के अंदर आने के लिए नहीं बल्कि सकरात्मक ऊर्जा के लिए भी आने का रास्ता है। इसके लिए घर के मुख्य द्वार का वास्तु के अनुरुप होना बहुत आवश्यक है। वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य दरवाजे की अहमियत इसलिए भी है, क्योंकि घर का मुख्य द्वार स्वास्थ्य, धन और सद्भाव को बढ़ाने वाली ऊर्जा माना जाता है और नकारात्मक ऊर्जा को घर के अंदर से बाहर निकालता है। घर में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार का स्थान सबसे अच्छा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पश्चिम मानी गई है। ये दिशाएं द्वार के लिहाज से अन्य दिशाओं की तुलना में बेहतर हैं।
उत्तर दिशा
वास्तु शास्त्र में ऐसा माना गया है कि, उत्तर दिशा में बनाया गया द्वार धन और भाग्य को जगाता है। इसीलिए घर के मुख्य द्वार पर या प्रवेश द्वार के लिए उत्तर दिशा को सबसे अच्छी दिशा माना गया है।
उत्तर-पूर्व दिशा
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को दूसरी सबसे अच्छी दिशा माना जाता है। यह दिशा सुबह सूरज के संपर्क में आने से बहुत ऊर्जा घर में लेकर आती है। इस दिशा में घर का मुख्य द्वार होने से घर में रहने वाले लोगों के जीवन में शक्ति और ऊर्जा का संचार बढ़ाती है।
पूर्व दिशा
वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को आदर्श तो नहीं माना जाता है, लेकिन पूर्व दिशा घर के सदस्यों की ऊर्जा को बढ़ाने वाली होती है। इस दिशा में घर का मुख्य द्वार होने से घर के सदस्यों में प्रेम बढ़ता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा
घर के मुख्यद्वार के लिए वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को चौथी सबसे अच्छी दिशा बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि, यदि किसी व्यक्ति के पास घर का मुख्य द्वार बनाने के लिए कोई विकल्प ना हो तो आप दक्षिण-पूर्व दिशा में अपने घर का मुख्य द्वार बना सकते हैं।
उत्तर-पश्चिम दिशा
वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा को पांचवी सबसे अच्छी दिशा माना जाता है। यदि आपके पास कोई विकल्प नहीं है और आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में हो तो आप घर के मुख्य द्वार को उत्तर-पश्चिम दिशा में बना सकते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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