Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री व्रत में कितने जनेऊ चढ़ाएं और इनका क्या करें, जानें...

Vat Savitri Vrat 2022: जनेऊ कितने दिन तक पहनना चाहिए और वट सावित्री व्रत की पूजा में कितने जनेऊ चढ़ाने चाहिए। जनेऊ धारण करके हमें क्या नहीं करना चाहिए और जनेऊ का हमें क्या करना चाहिए। तो आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत में जनेऊ का क्या महत्व है।
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वट सावित्री व्रत की पूजा में जनेऊ का बड़ा महत्व है और इस जनेऊ को बनाने के लिए 12 बार धागे को लपेट कर एक माला का आकार दिया जाता है। वहीं धागे की माला जनेऊ कहलाती है।
वहीं जनेऊ को 12 दिनों तक धारण करना चाहिए। महिलाएं जब भी वट सावित्री व्रत करती हैं तो वह जो वट वृक्ष के नीचे से जनेऊ धारण करके आती हैं, वह जनेऊ उनको कम से कम 12 दिन तक पहनना चाहिए।
वहीं पूजा के दौरान आपको दो जनेऊ चढ़ाने चाहिए। पहला जनेऊ आपको स्वयं धारण करना होता है और दूसरा जनेऊ आपको वट वृक्ष को पहनाना पड़ता है और दोनों ही जनेऊ एक समान बनाए जाते हैं। बस उनमें से एक जनेऊ वट वृक्ष को पहनाना होता है और एक जनेऊ महिलाओं को स्वयं धारण करना होता है।
जनेऊ पहनकर कभी भी हमें शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। जनेऊ पहनने के बाद हमें मिलन, प्रेम संबंध बिलकुल नहीं बनाने चाहिए। पति-पत्नी को एक-दूसरे के करीब नहीं आना चाहिए। अर्थात संभोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि जनेऊ बहुत ज्यादा शुद्ध होता है, स्वच्छ होता है। इसीलिए जनेऊ को कभी भी हम लोग ऐसी स्थिति में नहीं पहन सकते हैं।
वही वट सावित्री व्रत के दिन जनेऊ पहनने के बाद आपको उसे 12 दिन तक पहने रखना है और उसके बाद आपको यह जनेऊ बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना है।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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