Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2020 Kab Hai : विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत विधि

Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2020 Kab Hai : विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और सभी सुखों की प्राप्ति होती है। लेकिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Vrat) विधिवत रखा जाता है। यदि आप भी विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखना चाहते हैं और आपको इसकी विधि नहीं पता है तो हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Vidhi)
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Vrat Ki Vidhi)
1. विघ्ननराज संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल डालें और उस पर साफ वस्त्र बिछाएं।
3.कपड़ा बिछाने के बाद भगवान गणेश मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
4. इसके बाद हाथ में जल लेकर विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के व्रत का संकल्प लें।
5.इसके बाद भगवान गणेश को वस्त्र, पुष्प, दूर्वा,नैवेद्य और ऋतुफल अर्पित करें।
6.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद भगवान गणेश के आगे धूप व दीप जलाकर उनकी विधिवत पूजा करें।
7. भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें और विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की कथा पढ़ें या सुनें।
8. इसके बाद भगवान गणेश की धूप व दीप से आरती उतारें।
9. भगवान गणेश की आरती उतारने के बाद उन्हें मोदक और लड्डूओं का भोग लगाएं।
10. इसके बाद पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए उनसे क्षमा याचना अवश्य करें।
11.इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें और शाम के समय अपने व्रत का पारण करें।
12.विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को वर्जित माना जाता है। इसलिए भूलकर भी इस दिन चंद्रमा के दर्शन न करें।
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