Vinayak Chaturthi 2020 Date And Time : विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें व्रत, भगवान गणेश का मिलेगा पूर्ण आशीर्वाद

Vinayak Chaturthi 2020 Date And Time : विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें व्रत, भगवान गणेश का मिलेगा पूर्ण आशीर्वाद
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Vinayak Chaturthi 2020 Date And Time : विनायक चतुर्थी 20 सितंबर 2020 (Vinayak Chaturthi 20 September 2020) को है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesha Puja) की जाती है और व्रत रखा जाता है। लेकिन आपको विनायक चतुर्थी का व्रत पूरे विधि विधान से रखना चाहिए तो चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी की व्रत विधि।

Vinayak Chaturthi 2020 Date And Time : विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन व्रत रखने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सारे विघ्न समाप्त हो जाते हैं। लेकिन यदि आप विनायक चतुर्थी का व्रत (Vinayak Chaturthi Vrat) पूरे विधि विधान के अनुसार नहीं रखते तो आपको इस व्रत का लाभ प्राप्त नहीं होगा और .यदि आप विनायक चतुर्थी की व्रत विधि के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी की व्रत विधि।

विनायक चतुर्थी व्रत विधि (Vinayak Chaturthi Vrat Vidhi)

1.विनायक चतुर्थी का व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़क कर लाल या हरे रंग का वस्त्र बिछाएं।

3. वस्त्र बिछाने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर उस चौकी पर स्थापित करें।

4. इसके बाद कलश की स्थापना करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर उसके अंदर सुपारी, गंगाजल और एक सिक्का रखें और उसके ऊपर आम के पत्ते रखें।

5. कलश की स्थापना करने के बाद हाथ में जल लेकर पूरे दिन व्रत का संकल्प लें।

6. इसके बाद भगवान गणेश को वस्त्र,फल, फूल, दूर्वा, मोदक आदि अर्पित करें।

7. यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद धूप व दीप जलाएं और उनकी विधिवत पूजा करें।

8. पूजा में भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें और विनायक चतुर्थी की कथा पढ़ें या सुनें।

9. इसके बाद भगवान गणेश की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें मोदक और लड्डूओं का भोग लगाएं।

10. भगवान गणेश की पूजा के बाद उनसे पूजा में हुई किसी भी प्रकार की गलती के लिए क्षमा अवश्य मांगे।

11. इसके बाद पूरे दिन उपवास रखकर शाम के समय अपना उपवास मीठा खाकर खोलें।

12. विनायक चतुर्थी की रात में सोए नहीं बल्कि इस दिन रात्रि जागरण करें।

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