Vinayaka Chaturthi 2020 Date : विनायक चतुर्थी 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vinayaka Chaturthi 2020 Date : विनायक चतुर्थी 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
X
Vinayaka Chaturthi 2020 Date : विनायक चतुर्थी हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाई जाती है। लेकिन साल 2020 में अधिक मास पड़ने के कारण इस बार की विनायक चतुर्थी अधिक मास विनायक चतुर्थी कहलागी तो चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी 2020 में कब है (Vinayaka Chaturthi 2020 Mai Kab Hai), विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi Shubh Muhurat) और विनायक चतुर्थी की कथा (Vinayaka Chaturthi Story)

Vinayaka Chaturthi 2020 Date : विनयाक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesha Puja) की जाती है। लेकिन इस बार की विनायक चतुर्थी और भी ज्यादा खास है। क्योंकि यह विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) अधिक मास में पड़ रही है। जिसमें भगवान गणेश की पूजा करने से कई गुना लाभ की प्राप्ति होती है।

विनायक चतुर्थी 2020 तिथि (Vinayaka Chaturthi 2020 Tithi)

20 सिंतबर 2020

विनायक चतुर्थी 2020 शुभ मुहर्त (Vinayaka Chaturthi 2020 Shubh Muhurat)

प्रारम्भ - सुबह 5 बजकर 38 मिनट से (20 सितम्बर 2020)

समाप्त - अगले दिन सुबह 02 बजकर 26 मिनट तक (21 सितम्बर 2020)

विनायक चतुर्थी पूजा विधि (Vinayaka Chaturthi Puja Vidhi)

1.विनायक चतुर्थी के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए।

2. इसके बाद एक साफ चौकी को लेकर उस पर गंगाजल छिड़क कर हरे रंग का वस्त्र बिछाएं।

3. कपड़ा बिछाने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

4. इसके बाद कलश की स्थापना करें और उस कलश में जल भरकर गंगाजल, एक सुपारी ,एक सिक्का डालें और उसके बाद उस पर आम के पत्ते रखकर उसे ढंक दें और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें।

5.कलश की स्थापना करने के बाद भगवान गणेश का कुमकुम से तिलक करें। उन्हें सिंदूर, फूल, फल, वस्त्र नैवेद्य और दूर्वा अर्पित करें।

6. इसके बाद भगवान गणेश की षोडशोपचार पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें।

7. मंत्र जाप करने के बाद श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ भी करें।

8. इसके बाद भगवान गणेश की धूप व दीप से आरती उतारें

9. भगवान गणेश की आरती उतारने के बाद उन्हें लड्डूओं का भोग लगाएं।

10. अंत में पूजा में हुई किसी भी प्रकार की गलती के लिए क्षमा याचना करें और लोगों के बीच में प्रसाद का वितरण करें।

Tags

Next Story