Vishwakarma Puja 2020 Date And Time : जानिए भगवान विश्वकर्मा जी के जन्म की कथा

Vishwakarma Puja 2020 Date And Time : विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर 2020 (Vishwakarma Puja 16 September 2020) को की जाएगी। लेकिन भगवान विश्वकर्मा के बारे में बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि उनका जन्म किस प्रकार से हुआ था। क्या है उनके जन्म की कथा। अगर आप भी विश्वकर्मा पूजा पर भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा (Lord Vishwakarma Puja) कर रहे हैं तो आपको उनके जन्म की कथा अवश्य जान लेनी चाहिए तो आइए जानते हैं कैसे हुआ था भगवान विश्वकर्मा का जन्म।
भगवान विश्वकर्मा की जन्म कथा (Bhagwan Vishwakarma Ki Janam Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार जिस समय सृष्टि का प्रारंभ हो रहा था। उस समय सबसे पहले नारायण यानी भगवान विष्णु सागर में शेषनाग की शय्या पर प्रकट हुए।उसके बाद उनकी नाभि से चार मुख वाले ब्रह्मा जी प्रकट होते हुए दिखाई दिए। ब्रह्मा जी के पुत्र धर्म तथा धर्म के पुत्र वास्तुदेव हुए। माना जाता है कि धर्म की वस्तु नाम की स्त्री से उत्पन्न हुए वास्तु सातवें पुत्र थे।
जिन्हे शिल्पशास्त्र का आदि प्रवर्तक भी माना जाता हैं। उन्हीं वास्तुदेव का विवाह अंगिरसी नामक स्त्री से हुआ और उन्हीं के पुत्र विश्वकर्मा के रूप मे उत्पन्न हुए। विश्वकर्मा जी भी अपने पिता की ही तरह वास्तुकला के आचार्य बने। भगवान विश्वकर्मा जी के अनेक रूप बताए गए हैं। जो भुजा, चार भुजा और दस भुजा वाले।इसके अलावा एक मुख,चार मुख और पंचमुख वाले रूप भी विश्वकर्मा जी के बताए गए हैं।
विश्वकर्मा जी के मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी एवं दैवज्ञ नामक पांच पुत्र हैं। माना तो यह भी जाता है कि विश्वकर्मा जी के यह पांचो पुत्र वास्तु शिल्प की अलग- अलग विधाओं में पारंगत थे। इन पांचो के द्वारा कई वस्तुओं का निर्माण भी किया गया। जिसमें मनु को मनु को लोहे से, तो मय को लकड़ी, त्वष्टा को कांसे एवं तांबे, शिल्पी ईंट और दैवज्ञ को सोने-चांदी से जोड़कर देखा जाता है।
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