Vishwakarma Puja 2020 Date : विश्वकर्मा पूजा 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vishwakarma Puja 2020 Date : विश्वकर्मा पूजा 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Vishwakarma Puja 2020 Date : विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) के दिन दुकान,ऑफिस और फैक्ट्री आदि के साथ मशीनों की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि देवताओं में विश्वकर्मा जी को सभी निर्जीव चीजों के निर्माण का कार्य सौंपा हुआ है। विश्वकर्मा पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा जी (Lord Vishwakarma) की पूजा करने से इन सभी चीजों में वृद्धि होती है।

Vishwakarma Puja 2020 Date : शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा जी को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। विश्वकर्मा जी को पहला वास्तुकार और इंजीनियर भी माना जाता है। इन्हें सभी निर्जीव चीजों का देवता माना गया है तो चलिए जानते हैं विश्वकर्मा जयंती 2020 में कब है (Vishwakarma Puja 2020 Mein Kab Hai), विश्वकर्मा जयंती का शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat) और विश्वकर्मा जयंती की पूजा विधि (Vishwakarma Puja Vidhi)

विश्वकर्मा पूजा 2020 तिथि (Vishwakarma Puja 2020 Tithi)

16 सितंबर 2020

विश्वकर्मा पूजा 2020 शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2020 Shubh Muhurat)

विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण - शाम 7 बजकर 23 मिनट (16 सितंबर 2020)

विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja Vidhi)

1.विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।

2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़के और लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।

3. यह वस्त्र बिछाने के बाद अष्टदल कमल बनाएं और कलश की स्थापना करें।

4. इसके बाद भगवान विष्णु और विश्वकर्मा जी की प्रतिमा या तस्वीर सात तरह के अनाजों की ढेरी बनाकर स्थापित करें।

5.तस्वीर स्थापिक करने के बाद भगवान विष्णु और विश्वकर्मा जी का कुमकुम से तिलक करें और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें।

6.इसके बाद उन्हें अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी,रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि अर्पित करें।

7.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद 'ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:', 'ॐ अनन्तम नम:', 'पृथिव्यै नम: मंत्र का जाप करें।

8.इसके बाद विश्वकर्मा जी की कथा पढ़ें या सुनें और विश्वकर्मा जी और भगवान विष्णु की आरती उतारें।

9.विश्वकर्मा और भगवान विष्णु की धूप व दीप से आरती उतारें और उसके बाद उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।

10. इसके बाद अपनी दुकान और फैक्ट्री की मशीनों आदि की भी पूजा करें उन्हें तिलक करें और उन पर फूल चढ़ाएं। इस दिन यदि संभव हो तो इन चीजों का इस्तेमाल न करें।

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