जानिए पवित्र कार्तिक मास में कौन से कार्य करना वर्जित हैं

हिन्दू धर्म के अनुसार कार्तिेक माह में अनेक परहेज यानि वर्जित कार्य बताए गए हैं। कार्तिक माह के दौरान कार्तिक स्नान करने वाले लोगों को इसका पालन करना चाहिए।
तो आइए आप भी जाने कि कार्तिक माह में स्नान, ध्यान और दान पुण्य करने वाले व्यक्ति को क्या नहीं करना चाहिए।
1. पवित्र कार्तिक माह के दौरान धूम्रपान निषेध होता है। यही नहीं लहुसन, प्याज और मांसाहर का सेवन भी वर्जित होता है।
2. पवित्र कार्तिक के महीने में स्नान, ध्यान और दान आदि पुण्य के कार्य करने वाले व्यक्ति को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए उसे भूमि शयन करना चाहिए।
3. पवित्र कार्तिक माह के दौरान सूर्य उपासना विशेष फलदायी होती है। साथ ही दाल के सेवन से व्यक्ति को परहेज करना चाहिए। तथा दोपहर में सोना भी नहीं चाहिए।
4. पवित्र कार्तिक माह में तुलसी की पूजा का खास महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी जी भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं। कार्तिक माह में तुलसी की पूजा कर व्यक्ति भगवान श्रीहरि विष्णु को भी प्रसन्न कर सकते हैं। इसलिए कार्तिक के महीने में विशेष रूप से तुलसी की आराधना करनी चाहिए।
5. पवित्र कार्तिक के महीने में स्नान के बाद तुलसी तथा सूर्य को जल अर्पित किया जाता है तथा पूजा-अर्चना की जाती है। यही नहीं तुलसी के पत्तों को खाया भी जाता है जिससे शरीर निरोगी रहता है। साथ ही तुलसी के पत्तों को चरणामृत बनाते समय भी डाला जाता है।
6. तुलसी के पौधे का कार्तिक महीने में दान भी दिया जाता है। तुलसी के पौधे के पास सुबह-शाम दीया भी जलाया जाता है।
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