घर में क्यों किया जाता है सुंदरकांड का पाठ, जानें महत्व और सही तरीका

घर में क्यों किया जाता है सुंदरकांड का पाठ, जानें महत्व और सही तरीका
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Sunderkand Paath: बजरंग बली को खुश करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें। आइये जानते हैं सुंदरकांड पाठ का महत्व और पूजा विधि के सही नियम।

Sunderkand Paath: बजरंग बली अपने भक्तों पर आने वाले किसी भी तरह के तमाम कष्टों (Pains) और सारी समस्याओं (Problems) को दूर करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त हनुमानजी का स्मरण करता है, उस पर बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं कि इनकी पूजा पाठ में कोई विशेष ताम-झाम नहीं करनी होती है। बस मन से जो भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा करते हैं, उन पर हमेशा कृपा बनी रहती है। सनातन धर्म में सुंदरकांड पाठ करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि सुंदरकांड में हनुमान जी के बारे में विस्तार से बताया गया है। शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार, हर हिंदू धर्म में तुलसीदास द्वारा रचित सुंदरकांड का पाठ होना चाहिए। ऐसा करने से भगवान हनुमान (Lord Hanuman) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइये जानते हैं सुंदरकांड पाठ के बारे में, आखिरकार क्यों इतना महत्व है और इस पाठ को करने की पूजा विधि क्या है।

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जानें सुंदरकांड पाठ का महत्व

ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान हनुमान बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वालें देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सुंदरकांड का पाठ करता है, तो उसके जीवन में कई तरह के सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो जातक प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है, उसके मन में आत्मविश्वास और एकाग्रता में वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुसार, सुंदरकांड पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार होने लगता है। कहा जाता है कि जो जातक सुंदरकांड का पाठ करता है, उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। इसके साथ ही घर से सारी नकारात्मक ऊर्जाएं दूर चली जाती हैं।

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क्या है सुंदरकांड पाठ करने का तरीका

यदि आप जातक हनुमान जी की विशेष फल की प्राप्ति चाहते हैं और आप सुंदरकांड का पाठ भी करना चाहते हैं, तो इस पाठ की शुरुआत मंगलवार या फिर शनिवार के दिन से कर सकते हैं। ये दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, सुंदरकांड पाठ करने से पहले साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है। अगर साफ-सफाई से इस पाठ को नहीं करते हैं, तो आप पर हनुमान जी नाराज हो सकते हैं। इसलिए जब भी सुंदरकांड का पाठ करें तो वहां सफाई का ध्यान रखें।

ऐसा कहा जाता है कि सुंदरकांड पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति रखें और उनकी विशेष रूप से पूजा करें। इसके साथ ही सीता-राम जी की भी मूर्तियों का पूजा करें। ऐसा करने से राम जी का भी आशीर्वाद मिलता है।

ऐसा कहा जाता है कि सुंदरकांड पाठ करने से पहले हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। इसके बाद फल, फूल, मिठाई और सिंदूर चढ़ावें। इसके बाद ही इस पाठ को स्मरण करें। ऐसी मान्यता है कि जब भी सुंदरकांड पढ़ने के लिए बैठते हैं, तो इससे पहले गणेश वंदना जरूर करें। ऐसा करने से सारे देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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