Holi 2023: क्यों मनाया जाता है होली का पर्व, इतिहास से जुड़े हैं ये 4 कारण, भगवान शिव का भी है जिक्र

Holi 2023: होली को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है और हर साल अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। यह फाल्गुन के महीने में पूर्णिमा के दिन पड़ता है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का पर्व मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि यह बसंत के आगमन का प्रतीक है। इस साल होली 8 मार्च 2023 को मनाई जाएगी। पूरे देश में हिंदुओं द्वारा होली मनाई जाती है। यह हिंदू कैलेंडर के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है।
होली मनाने के पीछे 4 बड़े कारण
1. होली मनाने का पहला कारण - हिंदू धर्म के अनुसार होली मनाने के पीछे सबसे प्रचलित मान्यता विष्णु भक्त प्रह्लाद द्वारा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका का वध है। हिरण्यकश्यप एक राक्षस था। हिरण्यकश्यप के सबसे बड़े बेटे प्रह्लाद थे। प्रह्लाद भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। लेकिन हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु का कट्टर विरोधी था। वह नहीं चाहता था कि उसके राज्य में कोई भी भगवान विष्णु की पूजा करे। बेटे की भक्ति से नाराज पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को मारने के लिए भेजा था।
2. होली मनाने का एक और कारण - हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। राक्षसी पूतना के वध के बाद बृज के लोग खुशी के मारे एक दूसरे के साथ रंग खेलते हैं।
3. होली मनाने का तीसरा कारण - हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव से जुड़ी एक मान्यता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव रंगों से नाचते-गाते हैं। इस कारण भी होली का पर्व मनाया जाता है।
4. होली मनाने का चौथा कारण - हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भारत में मुगल काल में भी होली मनाई जाती थी। इतिहास में बादशाह अकबर के जोधाबाई के साथ होली खेलने का भी जिक्र है। मुगल काल में इसे ईद-ए-गुलाबी कहा जाता था। तब लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली मनाते थे।
होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat)
होली 2023 डेट - 8 मार्च 2023
होली 2023 का दिन - बुधवार
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त - 7 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त करीब पौने दो घंटे तक रहेगा।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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