औरत का चेहरा पिता और पुरुष का माता से मिलता तो इसका क्या अर्थ है, आप भी जानें

औरत का चेहरा पिता और पुरुष का माता से मिलता तो इसका क्या अर्थ है, आप भी जानें
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सामुद्रिक शास्त्र एक प्राचीन हिन्दु धर्म ग्रंथ है। सामुद्रिक शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र का अंग भी माना जाता है। सामुद्रिक शास्त्र में स्त्री और पुरूष के अंगों की बनावट और उसके शरीर पर बनें लक्षणों के आधार पर उसके स्वभाव एवं भविष्य की जानकारी दी गई है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार यदि कि अगर किसी महिला का चेहरा उसके पिता से मिलता है, और किसी पुरूष का चेहरा उसकी माता से मिलता है। तो इसका सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार क्या अंतर होता है। तो आइए आप भी इस विषय के बारें में जानिए।

सामुद्रिक शास्त्र एक प्राचीन हिन्दु धर्म ग्रंथ है। सामुद्रिक शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र का अंग भी माना जाता है। सामुद्रिक शास्त्र में स्त्री और पुरूष के अंगों की बनावट और उसके शरीर पर बनें लक्षणों के आधार पर उसके स्वभाव एवं भविष्य की जानकारी दी गई है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार यदि कि अगर किसी महिला का चेहरा उसके पिता से मिलता है, और किसी पुरूष का चेहरा उसकी माता से मिलता है। तो इसका सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार क्या अंतर होता है। तो आइए आप भी इस विषय के बारें में जानिए।

आप जानते हैं कि स्त्री-पुरूष का चेहरा उनके माता पिता से मिलने का क्या अर्थ है।

'जननीमुखानुरुपं मुखकमलं भवति यस्य मनुजस्य प्रायो धन्य: स पुमानियुक्तमिदं समुद्रेण।।'

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस पुरूष का मुख माता के मुख के समान हो ऐसा पुरूष लंबी आयु जीने वाला होता है। और ऐसा पुरूष जीवन में अनेक प्रकार के सुखों का भोग करता है। ऐसा व्यक्ति यशस्वी होता है और आगे चलकर अपने परिवार का नाम रोशन करता है। और समाज में मान-सम्मान पाता है। इसके साथ ही जिन महिलाओं का मुख पिता के मुख के समान होता है, वह महिलाएं अत्यंत शुभ और भाग्यशाली मानी जाती हैं। ऐसी महिलाएं जिस घर में भी विवाह करके जाती हैं, ऐसे घर में सुख और समृद्धि आती है। ऐसी महिलाएं गृह कार्य में दक्ष, बुद्धिमान और परिवार को जोड़ने वाली होती हैं। ऐसी महिलाएं कभी किसी को दुख नहीं देतीं, और किसी से कपट नहीं करतीं। ऐसी महिलाएं तेजस्वी संतान को जन्म देतीं हैं। जो आगे चलकर बहुत नाम कमाती है।

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