भगवान शिव का ऐसे करें पूजन, नहीं पड़ेगी राहु-केतु की कुदृष्टि

भगवान शिव का ऐसे करें पूजन, नहीं पड़ेगी राहु-केतु की कुदृष्टि
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शनिदेव की तरह दो और ग्रह भी ऐसे हैं, कि जब वे किसी व्यक्ति या उसके परिवार की ओर अपनी कुदृष्टि कर लें तो उस व्यक्ति या उसके परिवार का जीवन संकट में आ जाता है। ये ग्रह हैं राहु-केतु। जब राहु केतु किसी पर क्रुद्ध हो जाएं तो उसको कदम-कदम पर दुखों का सामना करना पड़ता है या यूं कहें कि मृत्यु तक होने की संभावना रहती है। और मृत्यु तुल्य कष्टों को सहन करना पड़ता है। ये कष्ट बहुत ही दुखदायी होते हैं लेकिन जिन व्यक्तियों पर राहु-केतु प्रसन्न हो जाते हैं उन्हें सारे सुख बहुत ही आसानी से मिल जाते हैं।

शनिदेव की तरह दो और ग्रह भी ऐसे हैं, कि जब वे किसी व्यक्ति या उसके परिवार की ओर अपनी कुदृष्टि कर लें तो उस व्यक्ति या उसके परिवार का जीवन संकट में आ जाता है। ये ग्रह हैं राहु-केतु। जब राहु केतु किसी पर क्रुद्ध हो जाएं तो उसको कदम-कदम पर दुखों का सामना करना पड़ता है या यूं कहें कि मृत्यु तक होने की संभावना रहती है। और मृत्यु तुल्य कष्टों को सहन करना पड़ता है। ये कष्ट बहुत ही दुखदायी होते हैं लेकिन जिन व्यक्तियों पर राहु-केतु प्रसन्न हो जाते हैं उन्हें सारे सुख बहुत ही आसानी से मिल जाते हैं।

शास्त्रों के अनुसार जब सारे ग्रह राहु-केतु के मध्य में आ जाते हैं तो कालसर्प योग बनता है। लेकिन जो लोग अपने माता-पिता की सेवा करते हैं कालसर्प योग उनको कष्ट नहीं पहुंचा पाता है। जिनकी कुंडली में कालसर्प योग बनता हो उन्हें कालसर्प दोष की शांति करवानी चाहिए। राहु-ग्रह शंकर जी के परम भक्त हैं। इसलिए भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।

सोमवार का व्रत रखें

राहु-केतु के कोप से बचने के लिए सोमवार के दिन व्रत रखना चाहिए। एवं भगवान शिव का सच्चे मन से विधिवत् पूजन करना चाहिए। संध्या वंदन करते समय भगवान शिव के समझ दीपक प्रज्वलित करें, एवं भगवान शिव को सफेद भोज्यपदार्थों खीर, मावे की मिठाई और दूध से बने पदार्थों का प्रसाद चढ़ाए और फिर स्वयं ग्रहण करें।

महादशा के समय भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाएं और दुग्धाभिषेक करें

अगर व्यक्ति पर राहु की महादशा चल रही हो और सूर्य, चंद्र तथा मंगल का अंतर आपको कष्ट पहुंचा रहा हो। तो ऐसे समय में नित्य प्रतिदिन भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाकर दुग्धाभिषेक करना बहुत लाभकारी होता है।

शिवपुराण का पाठ करें

राहु की महादशा अथवा अंतर प्रत्यंतर काफी कष्टकारी होती है ऐसे समय में भगवान शिव का अभिषेक करवाना चाहिए, और शिवपुराण का पाठ करना चाहिए। राहु की दशा में लगातार शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। इससे कष्ट में राहत मिलती है।

पूजा में ढोंग ना करें

अगर आपके जन्मांक में स्थित राहु ग्रह, चंद्र, सूर्य को दूषित कर रहा है, तो जातक को भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करना चाहिए। भगवान भोले नाथ भक्त की पवित्र श्रद्धा पूर्ण आराधना से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। सच्चे हृदय से शिव की आराधना करनी चाहिए ढोंग या दिखावा नहीं करना चाहिए।


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