Yogini Ekadashi 2020: योगिनी एकादशी पूजा विधि, मिलेगी सभी पापों से मुक्ति

Yogini Ekadashi 2020: योगिनी एकादशी पूजा विधि, मिलेगी सभी पापों से मुक्ति
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Yogini Ekadashi 2020: योगनी एकदाशी का व्रत 2020 में 17 जून को है। योगनी एकादशी के दिन भगवान नारायण की पूजा आराधना की जाती है। श्री नारायण भगवान विष्णु जी का ही नाम है। इस दिन एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पीपल पड़े काटने के बराबर पाप सभी मुक्ति मिल जाती है। आज हम आपको बताएं कि योगनी एकादशी व्रत की पूजा क्या है।

Yogini Ekadashi 2020: योगनी एकदाशी का व्रत 2020 में 17 जून को है। योगनी एकादशी के दिन भगवान नारायण की पूजा आराधना की जाती है। श्री नारायण भगवान विष्णु जी का ही नाम है। इस दिन एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पीपल पड़े काटने के बराबर पाप सभी मुक्ति मिल जाती है। आज हम आपको बताएं कि योगनी एकादशी व्रत की पूजा क्या है।

योगनी एकादशी पूजा विधि (Yogini Ekadashi Puja Vidhi)

इस व्रत के नियम एक दिन पहले से शुरू हो जाते हैं। दशमी तिथि की रात्रि में व्यक्ति को जौ, गेहूं, दाल से बना भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। वहीं व्रत वाले दिन नमक युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। दशमी तिथि की रात्रि में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

एकादशी के दिन स्नान आदि से निवृत होकर व्यक्ति को व्रत का संकल्प लिया जाना चाहिए और इसके बाद व्यक्ति को कलश स्थापना करनी होगी। कलश के ऊपर भगवान विष्णु की मूर्ति रखकर पूजा करनी है। योगनी एकादशी का व्रत रहने वाले व्यक्ति को व्रत वाली रात्रि को जागरण करना चाहिए।

यह व्रत दशमी तिथि से शुरू होकर द्वादशी तिथि के प्रातकाल में दान दक्षिणा आदि देकर समाप्त किया जा सकता है। योगनी एकादशी का व्रत करने से जीवन में समृद्धि और आनन्द की प्राप्ति होती है। यह व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पून्य मिलता है।

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