Yogini Ekadashi 2020: योगिनी एकादशी व्रत में क्या खाएं, क्या ना खाएं

Yogini Ekadashi 2020: योगनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है। यह इस महीने की 17 तारीख यानी 17 जून को है। इस दिन लोग एकादशी का व्रत कर सकते हैं। भगवान श्री विष्णु ने मानव कल्याण के लिए पुरुषोत्तम मास की एकादशियों को मिलाकर कुल 26 एकादशियों का प्रकट किया। हर एकादशी का अपना अलग अलग महत्व है, लेकिन सभी एकादशियों की पूजा विधि एक ही होती है। योगनी एकादशी व्रत 17 जून 2020 को है, लेकिन व्यक्ति 16 जून की शाम से ही आप व्रत शुरू करें। यदि आप भोजन करना चाहते है तो आप दिन ढलने से पहले भोजन कर लें, यदि आप देर से भोजन खाना चाहते हैं तो सात्विक भोजन फलाहार लें। दशमी तिथि से ही व्रत शुरू कर दें और एकादशी के दिन सुबह नहा धोकर विष्णु जी की पूजा करें। यदि आप आज तक इस बात से अनजान है कि एकादशी व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं तो आज हम आपको बताएंगे कि योगनी एकादशी के दिन व्रत वाले लोग क्या खा सकते है और क्या नहीं।
योगनी एकादशी व्रत में क्या खाएं
एकादशी के दिन आप दूध, दही, फल का सेवन कर सकते हैं। ठाकूर जी को भी फलाहार या मिठाई का भोग लगाएं। अगर आप बिमार है या किसी वजह से आप व्रत पूरा नहीं रख सकते हैं तो वे आलू, कूटू की पूड़ी या कूटू के पकौड़े बनाकर खा सकते हैं।
योगनी एकादशी व्रत में क्या न खाएं
अगर आप व्रत कर रहे हैं तो एकादशी के दिन चावल या अनाज नहीं खाएं और व्रत नहीं भी कर रहे है तो उस दिन घर चावल नहीं बनने चाहिए। कहते हैं कि एकादशी के व्रत में नमक भी नहीं खाना चाहिए। आप एकादशी व्रत में चाय का सेवन न करें। इस दिन लहसुन प्याज का भोग नहीं लगेगा और नहीं आपको खाना है। कोशिश करने की उस दिन घर में लहुसन प्याज न बनाएं।
योगनी एकादशी के दिन पारण कैसे करें
लोग द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करते हैं। द्वादशी के दिन आपने जो खाना बनना है वो बनाए साथ में चावल भी बनने चाहिए. क्योंकि द्वादशी के दिन चावल का दान देना बहुत ही अच्छा माना गया है। इस दिन दान दें।
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