रामचरित मानस की 5 फर्जी चौपाई, जो भगवान श्री राम के नाम पर हो रही हैं वायरल

हिंदी धर्म में रामायण और रामचरित मानस का बहुत ही ऊंचा स्थान है। हिंदुओं में यह ग्रंथ सबसे पवित्र है। रामचरित मानस में कुल सात काण्ड है उनके नाम बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) और उत्तरकाण्ड 108 चौपाई है। रामचरित मानस के सभी कांडों में कुल 10902 चौपाई है। इन चौपाई का घर में रोजाना जाप करने से घर शांति, वैभव, धन व समृद्धि आती है। लेकिन रामचरित मानस की कुछ फर्जी चौपाई श्री राम के नाम पर वायरल हो रही हैं। बताया जा रहा है कि भगवान रामचंद्र की चौपाई खोजने पर राम जी की कुछ फर्जी चौपाई दिख रही है और वहीं रामायण और रामचरित मानस हिंदुओं के परम आस्था का पाठ हैं। भगवान राम जी की चौपाई में इन चौपाई को कोई उल्लेख नहीं। आज हम आपको उन रामचरित मानस की फर्जी चौपाई के बारे में बताएंगे जो राम जी के नाम पर वायरल हो रही है।
रामचरित मानस की 5 फर्जी चौपाई
चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़,
तुलसी दास गोबर घीसें तिलक करें रघुवीर।।
राम रामापत कर धन लेऊ,
खोल पोटरी करौं कलेऊ।।
रामचंद्र जी कह गए शिया से ऐसा कलियुग आएगा,
हंस चुगेंगे दाना तिनका कौआ मोती खाएगा।
राम नाम की लूट है लूटी जाए तो लूट,
अंत काल पछताएंगे प्राण जाएंगे छूट।।
राम नाम लियों नही कियों न हर से हेत,
वे नर ज्यों ही जाएंगे जैसे मूरा को सो खेत।।
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